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Russian invasion of Ukraine : अमेरिकी सांसदों ने कहा- रूस के आक्रमण की निंदा करे भारत सरकार

यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई (Russian invasion of Ukraine) के 22 दिन हो चुके हैं. इसी बीच अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सांसदों ने भारत से रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा करने की अपील की है. सांसदों ने कहा कि 21वीं सदी में इस प्रकार की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं है.

narendra modi pune metro
नरेंद्र मोदी
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Published : Mar 17, 2022, 12:13 PM IST

वॉशिंगटन : रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई (Ukraine Russia Conflict) के कारण मानवीय संकट गहराता जा रहा है. गत लगभग तीन हफ्तों में भारत ने लगातार शांति बहाल होने पर जोर दिया है. हालांकि, यूक्रेन को अमेरिकी प्रशासन की तरफ से सैन्य साजोसामान का सहयोग लगातार मिल रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के 22 दिन हो चुके हैं. यूक्रेन के हवाले से हजारों नागरिकों के मारे जाने की अपुष्ट खबरें मीडिया में प्रसारित हो रही हैं. इसी बीच अमेरिका में डेमोक्रेटिक सांसदों ने भारत से रूस की सैन्य कार्रवाई की निंदा करने की अपील की गई है.

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को दो सांसदों- टेड डब्ल्यू ल्यू (Congressman Ted W Lieu) और टॉम मालिनोव्स्की (Congressman Tom Malinowski) ने पत्र लिखा (ukraine crisis democrats letter to sandhu) है, जिसमें उन्होंने कहा, 'यद्यपि हम भारत के रूस के साथ संबंधों से वाकिफ हैं, लेकिन हम संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो मार्च को हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेने के आपकी सरकार के फैसले से असंतुष्ट हैं.

Ted W Lieu and Tom Malinowski
अमेरिकी सांसद- टेड डब्ल्यू ल्यू (बाएं) और टॉम मालिनोव्स्की (दाएं) (फाइल फोटो)

भारत के रूख से नाराजगी
उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस का बिना उकसावे वाला आक्रमण (Russian invasion of Ukraine) नियम आधारित व्यवस्था को कमतर करता है 'और यूकेन पर हमला करके रूस उन नियमों की भी धज्जियां उड़ाने की कोशिश कर रहा है जो भारत की भी रक्षा करते हैं.' पत्र में सांसदों ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र चार्टर को भारत के ऐतिहासिक समर्थन तथा क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत हमें उम्मीद देते हैं कि भारत रूसी हमले की पृष्ठभूमि में यूक्रेन की संप्रभुता को समर्थन देने वाले अन्य लोकतंत्रों का साथ देगा.' उन्होंने कहा कि वे अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को गहराई से समझते हैं, 'साथ ही हम इस बात से रुष्ट हैं कि भारत ने रूस की इस हरकत के खिलाफ यह रुख अपनाया है.'

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अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को डेमोक्रेट सांसदों का पत्र (साभार- ट्विटर @RepTedLieu)

21वीं सदी में रूस की कार्रवाई स्वीकार्य नहीं, आलोचना करे भारत
पत्र में कहा गया, 'हम समझते हैं कि भारत मुश्किल भरे बीच के रास्ते पर चल रहा है, लेकिन रूस की कार्रवाई का 21वीं सदी में कोई स्थान नहीं है. कई देश जिनके रूस के साथ संबंध थे, उन्होंने सही काम किया और रूसी सरकार की आलोचना की- उन्होंने इतिहास में सही साबित होने वाले पक्ष का चयन किया और भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए.'

यह भी पढ़ें- यूक्रेन संकट पर UNSC की आपात बैठक,अमेरिका यूक्रेन की करेगा मदद; बाइडेन ने पुतिन को कहा- ' युद्ध अपराधी'

पाकिस्तान को भी निंदा करने की नसीहत
उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारत दोनों पक्षों पर दोषारोपण के अपने वर्तमान रूख से हटेगा और इस बात को स्वीकार करेगा कि रूस आक्रामक है.' दोनों सांसदों ने अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत मजीद खान को भी पत्र लिखे और रूस के आक्रमण की निंदा करने की अपील की.

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अमेरिकी सांसदों ने पाक को भी लिखा पत्र (साभार- ट्विटर @RepTedLieu)

(पीटीआई-भाषा)

वॉशिंगटन : रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई (Ukraine Russia Conflict) के कारण मानवीय संकट गहराता जा रहा है. गत लगभग तीन हफ्तों में भारत ने लगातार शांति बहाल होने पर जोर दिया है. हालांकि, यूक्रेन को अमेरिकी प्रशासन की तरफ से सैन्य साजोसामान का सहयोग लगातार मिल रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के 22 दिन हो चुके हैं. यूक्रेन के हवाले से हजारों नागरिकों के मारे जाने की अपुष्ट खबरें मीडिया में प्रसारित हो रही हैं. इसी बीच अमेरिका में डेमोक्रेटिक सांसदों ने भारत से रूस की सैन्य कार्रवाई की निंदा करने की अपील की गई है.

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को दो सांसदों- टेड डब्ल्यू ल्यू (Congressman Ted W Lieu) और टॉम मालिनोव्स्की (Congressman Tom Malinowski) ने पत्र लिखा (ukraine crisis democrats letter to sandhu) है, जिसमें उन्होंने कहा, 'यद्यपि हम भारत के रूस के साथ संबंधों से वाकिफ हैं, लेकिन हम संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो मार्च को हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेने के आपकी सरकार के फैसले से असंतुष्ट हैं.

Ted W Lieu and Tom Malinowski
अमेरिकी सांसद- टेड डब्ल्यू ल्यू (बाएं) और टॉम मालिनोव्स्की (दाएं) (फाइल फोटो)

भारत के रूख से नाराजगी
उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस का बिना उकसावे वाला आक्रमण (Russian invasion of Ukraine) नियम आधारित व्यवस्था को कमतर करता है 'और यूकेन पर हमला करके रूस उन नियमों की भी धज्जियां उड़ाने की कोशिश कर रहा है जो भारत की भी रक्षा करते हैं.' पत्र में सांसदों ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र चार्टर को भारत के ऐतिहासिक समर्थन तथा क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत हमें उम्मीद देते हैं कि भारत रूसी हमले की पृष्ठभूमि में यूक्रेन की संप्रभुता को समर्थन देने वाले अन्य लोकतंत्रों का साथ देगा.' उन्होंने कहा कि वे अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को गहराई से समझते हैं, 'साथ ही हम इस बात से रुष्ट हैं कि भारत ने रूस की इस हरकत के खिलाफ यह रुख अपनाया है.'

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अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को डेमोक्रेट सांसदों का पत्र (साभार- ट्विटर @RepTedLieu)

21वीं सदी में रूस की कार्रवाई स्वीकार्य नहीं, आलोचना करे भारत
पत्र में कहा गया, 'हम समझते हैं कि भारत मुश्किल भरे बीच के रास्ते पर चल रहा है, लेकिन रूस की कार्रवाई का 21वीं सदी में कोई स्थान नहीं है. कई देश जिनके रूस के साथ संबंध थे, उन्होंने सही काम किया और रूसी सरकार की आलोचना की- उन्होंने इतिहास में सही साबित होने वाले पक्ष का चयन किया और भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए.'

यह भी पढ़ें- यूक्रेन संकट पर UNSC की आपात बैठक,अमेरिका यूक्रेन की करेगा मदद; बाइडेन ने पुतिन को कहा- ' युद्ध अपराधी'

पाकिस्तान को भी निंदा करने की नसीहत
उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारत दोनों पक्षों पर दोषारोपण के अपने वर्तमान रूख से हटेगा और इस बात को स्वीकार करेगा कि रूस आक्रामक है.' दोनों सांसदों ने अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत मजीद खान को भी पत्र लिखे और रूस के आक्रमण की निंदा करने की अपील की.

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अमेरिकी सांसदों ने पाक को भी लिखा पत्र (साभार- ट्विटर @RepTedLieu)

(पीटीआई-भाषा)

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