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2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने हस्तक्षेप की कोशिश की : सीनेट समिति

अमेरिकी सीनेट की खुफिया समिति में शामिल रिपब्लिकन सांसदों के एक समूह ने रिपोर्ट में अतिरिक्त विचार देते हुए कहा है कि इसे और अधिक स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए कि ट्रंप के प्रचार अभियान ने रूस के साथ समन्वय नहीं किया था. हालांकि, समिति में शामिल डेमाक्रेट सांसदों के अपने विचार हैं, उन्होंने दलील दी है कि रिपोर्ट इस तरह की मिलीभगत को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है.

सीनेट समिति
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Published : Aug 18, 2020, 11:12 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिकी सीनेट की खुफिया समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि रूस ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ओर से हस्तक्षेप करने की आक्रामक कोशिश की थी. रिपब्लिकन नीत समिति ने चुनाव में हस्तक्षेप की अपनी जांच की मंगलवार को पांचवीं और अंतिम रिपोर्ट जारी की. यह रिपोर्ट 1,300 से अधिक पृष्ठों की है.

सीनेट समिति ने इसे रूसी गतिविधियों और उसके द्वारा पेश किये जा रहे खतरों का आज की तारीख में सर्वाधिक व्यापक विवरण बताया है. यह द्विलीय जांच करीब साढ़े तीन साल चली.

हालांकि, रिपोर्ट में इस बारे में किसी अंतिम निष्कर्ष नहीं दिया गया है कि क्या पिछले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के प्रचार अभियान ने उनके पक्ष में चुनाव का रुख करने के लिये और डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को व्हाइट हाउस पहुंचने से रोकने के लिये रूस के साथ तालमेल या सांठगांठ की थी.

समिति में शामिल रिपब्लिकन सांसदों के एक समूह ने रिपोर्ट में अतिरिक्त विचार देते हुए कहा है कि इसे और अधिक स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए कि ट्रंप के प्रचार अभियान ने रूस के साथ समन्वय नहीं किया था. हालांकि, समिति में शामिल डेमाक्रेट सांसदों के अपने विचार हैं, उन्होंने दलील दी है कि रिपोर्ट इस तरह की मिलीभगत को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है.

पूर्व विशेष वकील रॉबर्ट म्यूलर ने पिछले साल जारी एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष दिया था कि रूस ने हैकिंग और गुप्त सोशल मीडिया अभियान के जरिये चुनाव में हस्तक्षेप किया था. साथ ही , ट्रंप के प्रचार अभियान ने मदद स्वीकार की थी और इससे फायदा मिलने की उम्मीद की थी.

हालांकि, म्यूलर ने रूस के साथ साजिश रचने का ट्रंप के किसी सहयोगी पर आरोप नहीं लगाया था.

वाशिंगटन : अमेरिकी सीनेट की खुफिया समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि रूस ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ओर से हस्तक्षेप करने की आक्रामक कोशिश की थी. रिपब्लिकन नीत समिति ने चुनाव में हस्तक्षेप की अपनी जांच की मंगलवार को पांचवीं और अंतिम रिपोर्ट जारी की. यह रिपोर्ट 1,300 से अधिक पृष्ठों की है.

सीनेट समिति ने इसे रूसी गतिविधियों और उसके द्वारा पेश किये जा रहे खतरों का आज की तारीख में सर्वाधिक व्यापक विवरण बताया है. यह द्विलीय जांच करीब साढ़े तीन साल चली.

हालांकि, रिपोर्ट में इस बारे में किसी अंतिम निष्कर्ष नहीं दिया गया है कि क्या पिछले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के प्रचार अभियान ने उनके पक्ष में चुनाव का रुख करने के लिये और डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को व्हाइट हाउस पहुंचने से रोकने के लिये रूस के साथ तालमेल या सांठगांठ की थी.

समिति में शामिल रिपब्लिकन सांसदों के एक समूह ने रिपोर्ट में अतिरिक्त विचार देते हुए कहा है कि इसे और अधिक स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए कि ट्रंप के प्रचार अभियान ने रूस के साथ समन्वय नहीं किया था. हालांकि, समिति में शामिल डेमाक्रेट सांसदों के अपने विचार हैं, उन्होंने दलील दी है कि रिपोर्ट इस तरह की मिलीभगत को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है.

पूर्व विशेष वकील रॉबर्ट म्यूलर ने पिछले साल जारी एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष दिया था कि रूस ने हैकिंग और गुप्त सोशल मीडिया अभियान के जरिये चुनाव में हस्तक्षेप किया था. साथ ही , ट्रंप के प्रचार अभियान ने मदद स्वीकार की थी और इससे फायदा मिलने की उम्मीद की थी.

हालांकि, म्यूलर ने रूस के साथ साजिश रचने का ट्रंप के किसी सहयोगी पर आरोप नहीं लगाया था.

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