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कोविड-19 प्रकोप से पहले शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था : अमेरिकी रिपोर्ट

पुराने अमेरिकी खुफिया दस्तावेज के हवाले से एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन द्वारा कोविड-19 महामारी के बारे में खुलासा किए जाने से कुछ सप्ताह पहले नवंबर 2019 में वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ताओं ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था.

Covid pandemic USA Report
अमेरिकी रिपोर्ट
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Published : May 24, 2021, 10:33 PM IST

वॉशिंगटन : चीन द्वारा कोविड-19 महामारी के बारे में खुलासा किए जाने से कुछ सप्ताह पहले नवंबर 2019 में वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ताओं ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था. पुराने अमेरिकी खुफिया दस्तावेज के हवाले से एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.

इस जानकारी के सामने आने के बाद एक बार फिर इस बात की व्यापक जांच के लिए दबाव बढ़ सकता है, जिसमें यह आशंका जताई गई थी कि कोरोना वायरस चीन की प्रमुख प्रयोगशाला से ही फैला है.

'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस रिपोर्ट में सामने आया विवरण उस सरकारी तथ्यपत्र से अधिक विस्तृत है, जोकि ट्रंप प्रशासन के अंतिम दिनों के दौरान जारी किया गया था. इस तथ्यपत्र में कहा गया था कि कोरोना वायरस एवं अन्य रोगजनक के लिए शोध करने वाली वुहान प्रयोगशाला के कई शोधकर्ता वर्ष 2019 के आखिरी महीनों में बीमार पड़े थे और उनमें कोविड-19 बीमारी और सामान्य मौसमी बीमारी जैसे लक्ष्ण थे.

कोरोना वायरस की उत्पत्ति लंबे समय से चर्चा का विषय रही है, क्योंकि कई वैज्ञानिकों और राजनेता लगातार यह आशंका जताते रहे हैं कि यह घातक वायरस किसी प्रयोगशाला से ही लीक हुआ है.

मध्य चीनी शहर वुहान में स्थित हुनान समुद्री भोजन बाजार को कोविड-19 प्रकोप का केंद्र माना जाता है जो कि वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के बेहद नजदीक है.

वुहान शहर में ही 2019 के अंतिम दिनों में कोविड-19 का प्रकोप सामने आया और बाद में इसने महामारी के रूप में दुनिया के अन्य हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी उन लोगों में शुमार थे, जिन्होंने चीन की प्रयोगशाला से इस घातक वायरस के प्रसार की आशंका का समर्थन किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ता नवंबर 2019 में इतने ज्यादा बीमार पड़ गए थे कि उन्होंने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने जाने को कहा था.

पढ़ें : जापान ने ओलंपिक के दो महीने पहले बड़े स्तर पर टीकाकरण केंद्र खोले

बीमार होने वाले चीनी शोधकर्ताओं की संख्या, उनकी बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के समय का खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्णय लेने वाली संस्था कोविड-19 की उत्पत्ति के संबंध में जांच के अगले चरण को लेकर चर्चा करने जा रही है.

वॉशिंगटन : चीन द्वारा कोविड-19 महामारी के बारे में खुलासा किए जाने से कुछ सप्ताह पहले नवंबर 2019 में वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ताओं ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था. पुराने अमेरिकी खुफिया दस्तावेज के हवाले से एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.

इस जानकारी के सामने आने के बाद एक बार फिर इस बात की व्यापक जांच के लिए दबाव बढ़ सकता है, जिसमें यह आशंका जताई गई थी कि कोरोना वायरस चीन की प्रमुख प्रयोगशाला से ही फैला है.

'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस रिपोर्ट में सामने आया विवरण उस सरकारी तथ्यपत्र से अधिक विस्तृत है, जोकि ट्रंप प्रशासन के अंतिम दिनों के दौरान जारी किया गया था. इस तथ्यपत्र में कहा गया था कि कोरोना वायरस एवं अन्य रोगजनक के लिए शोध करने वाली वुहान प्रयोगशाला के कई शोधकर्ता वर्ष 2019 के आखिरी महीनों में बीमार पड़े थे और उनमें कोविड-19 बीमारी और सामान्य मौसमी बीमारी जैसे लक्ष्ण थे.

कोरोना वायरस की उत्पत्ति लंबे समय से चर्चा का विषय रही है, क्योंकि कई वैज्ञानिकों और राजनेता लगातार यह आशंका जताते रहे हैं कि यह घातक वायरस किसी प्रयोगशाला से ही लीक हुआ है.

मध्य चीनी शहर वुहान में स्थित हुनान समुद्री भोजन बाजार को कोविड-19 प्रकोप का केंद्र माना जाता है जो कि वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के बेहद नजदीक है.

वुहान शहर में ही 2019 के अंतिम दिनों में कोविड-19 का प्रकोप सामने आया और बाद में इसने महामारी के रूप में दुनिया के अन्य हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी उन लोगों में शुमार थे, जिन्होंने चीन की प्रयोगशाला से इस घातक वायरस के प्रसार की आशंका का समर्थन किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ता नवंबर 2019 में इतने ज्यादा बीमार पड़ गए थे कि उन्होंने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने जाने को कहा था.

पढ़ें : जापान ने ओलंपिक के दो महीने पहले बड़े स्तर पर टीकाकरण केंद्र खोले

बीमार होने वाले चीनी शोधकर्ताओं की संख्या, उनकी बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के समय का खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्णय लेने वाली संस्था कोविड-19 की उत्पत्ति के संबंध में जांच के अगले चरण को लेकर चर्चा करने जा रही है.

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