वॉशिंगटन : अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के एक शीर्ष नेता ने टीकाकरण करा चुके लोगों के लिए मास्क लगाने संबंधी शासनादेश फिर से लागू करने को लेकर सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी और रोग रोकथाम एवं नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) की निंदा की और कहा कि यह नया नियम भारत के आंकड़ों पर आधारित है.
प्रतिनिधि सभा में अल्पमत के नेता केविन मैकार्थी ने मास्क लगाने संबंधी शासनादेश फिर से लागू करने का प्रस्ताव रखने वाले विधेयक के विरोध में सदन में कहा कि सीडीसी की ताजा सिफारिशें ऐसी रिपोर्ट पर आधारित हैं, जो अभी तैयार ही नहीं हुई है. हालांकि रिपब्लिनक नेता ने यह नहीं बताया कि वह किस रिपोर्ट की बात कर रहे हैं.
उन्होंने प्रतिनिधि सभा के एक चिकित्सक के साथ हुई वार्ता का जिक्र करते हुए कहा कि रिपोर्ट 'भारत में लगाए जा रहे उस टीके पर आधारित है जो अमेरिका में स्वीकृत नहीं है.'
प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने विपक्ष के नेता की आलोचना की और उन्हें 'मूर्ख' बताया.
मैकार्थी ने कहा, 'मास्क संबंधी शासनादेश भारत में एक अध्ययन पर आधारित है, यह एक ऐसे टीके पर आधारित है जिसे अमेरिका में अनुमोदित नहीं किया गया है. इस अध्ययन को समकक्ष समीक्षा में खारिज कर दिया गया था. क्या यह हमारे स्कूलों को बंद रखने का आधार हो सकता है?'
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एक अन्य रिपब्लिकन सांसद डेन क्रेनशॉ ने मैकार्थी के समर्थन में ट्वीट किया, 'यह सच्चाई है कि सीडीसी ने मास्क संबंधी शासनादेश के लिए जिस 'अमेरिका: "गेम चेंजर" डेटा' का उपयोग किया है, वह केवल भारत के अध्ययन पर आधारित है. समकक्ष समीक्षा में इस अध्ययन को खारिज कर दिया गया था. सीडीसी ने इसके बावजूद इसका इस्तेमाल किया. याद है, मैंने सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा हमारा विश्वास खोने के बारे में क्या कहा था? स्थिति और खराब हो गई है.'
(पीटीआई-भाषा)