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IP संरक्षण खत्म करने के खिलाफ रिपब्लिकन सांसदों ने लिखा पत्र

रिपब्लिकन सांसदों ने जो बाइडेन को 20 मई को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था, यह जरूरी है कि हम कोविड-19 वैक्सीन की वैश्विक पहुंच बढ़ाने में दुनिया का नेतृत्व करें, लेकिन साथ ही नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईपी की रक्षा करना भी जरूरी है.

जो बाइडेन
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Published : May 21, 2021, 3:44 PM IST

वॉशिंगटन : कोविड-19 की वैक्सीन से संबंधित कुछ बौद्धिक संपदा (आईपी) संरक्षण को खत्म करने की मांग पर अमेरिकी सरकार के समर्थन को लेकर चिंता जताते हुए 100 से अधिक रिपब्लिकन सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को पत्र लिखकर इस फैसले को रद्द करने का आग्रह किया है.

रिपब्लिकन सांसदों का कहा कहना है कि इस फैसले से चीन, रूस और भारत जैसे देशों को एक बड़ा तोहफा मिल जाएगा.

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई ने इस महीने की शुरुआत में कहा था, कोरोना वायरस महामारी के बीच बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार से संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) के कुछ नियमों में अस्थाई रूप से छूट दिए जाने की मांग का अमेरिका समर्थन करेगा.

भारत और दक्षिण अफ्रीका की अगुवाई में विकासशील देश इस छूट की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें- इजराइल की कैबिनेट ने गाजा में संघर्ष विराम को दी मंजूरी : रिपोर्ट

रिपब्लिकन सांसदों ने बाइडेन को 20 मई को लिखे पत्र में कहा, यह जरूरी है कि हम कोविड-19 वैक्सीन की वैश्विक पहुंच बढ़ाने में दुनिया का नेतृत्व करें, लेकिन साथ ही नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईपी की रक्षा करना भी जरूरी है. अमेरिकी नौकरियां, नवाचार और पूरी दुनिया का स्वास्थ्य और कल्याण दांव पर है.

रिपब्लिकन सांसदों ने कहा कि वे वैक्सीन वितरण की वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं, लेकिन प्रस्तावित छूट इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद नहीं करेगी.

उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा संरक्षण ने जीवन रक्षक जैव चिकित्सा नवाचार को बढ़ावा दिया है, अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है और लाखों की संख्या में अच्छे वेतन वाले रोजगार सृजित किए हैं.

इन सांसदों ने कहा कि कोविड-19 टीकों के लिए आईपी सुरक्षा को माफ करना एक आपदा होगी.

आईएएनएस

वॉशिंगटन : कोविड-19 की वैक्सीन से संबंधित कुछ बौद्धिक संपदा (आईपी) संरक्षण को खत्म करने की मांग पर अमेरिकी सरकार के समर्थन को लेकर चिंता जताते हुए 100 से अधिक रिपब्लिकन सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को पत्र लिखकर इस फैसले को रद्द करने का आग्रह किया है.

रिपब्लिकन सांसदों का कहा कहना है कि इस फैसले से चीन, रूस और भारत जैसे देशों को एक बड़ा तोहफा मिल जाएगा.

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई ने इस महीने की शुरुआत में कहा था, कोरोना वायरस महामारी के बीच बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार से संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) के कुछ नियमों में अस्थाई रूप से छूट दिए जाने की मांग का अमेरिका समर्थन करेगा.

भारत और दक्षिण अफ्रीका की अगुवाई में विकासशील देश इस छूट की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें- इजराइल की कैबिनेट ने गाजा में संघर्ष विराम को दी मंजूरी : रिपोर्ट

रिपब्लिकन सांसदों ने बाइडेन को 20 मई को लिखे पत्र में कहा, यह जरूरी है कि हम कोविड-19 वैक्सीन की वैश्विक पहुंच बढ़ाने में दुनिया का नेतृत्व करें, लेकिन साथ ही नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईपी की रक्षा करना भी जरूरी है. अमेरिकी नौकरियां, नवाचार और पूरी दुनिया का स्वास्थ्य और कल्याण दांव पर है.

रिपब्लिकन सांसदों ने कहा कि वे वैक्सीन वितरण की वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं, लेकिन प्रस्तावित छूट इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद नहीं करेगी.

उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा संरक्षण ने जीवन रक्षक जैव चिकित्सा नवाचार को बढ़ावा दिया है, अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है और लाखों की संख्या में अच्छे वेतन वाले रोजगार सृजित किए हैं.

इन सांसदों ने कहा कि कोविड-19 टीकों के लिए आईपी सुरक्षा को माफ करना एक आपदा होगी.

आईएएनएस

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