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राष्ट्रपति ट्रंप ने बोल्टन को बताया 'सिक पपी' - अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पूर्व राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्‍टन की आलोचना की है. उन्‍होंने बोल्‍टन को कहा कि वह 'सिक पपी' की तरह उनकी छवि खराब करने और नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

बोल्टन पर भड़के राष्ट्रपति ट्रंप
बोल्टन पर भड़के राष्ट्रपति ट्रंप
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Published : Jun 19, 2020, 9:33 AM IST

Updated : Jun 19, 2020, 2:21 PM IST

वाशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर अपने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के किताब की आलोचना की. इस किताब में अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं.

दरअसल, 'द रूम व्हेअर इट हैपंड : ए व्हाइट हाउस मेमॉयर' (The Room Where It Happened: A White House Memoir) शीर्षक वाली यह किताब प्रकाशित होने से पहले ही विवादित हो उठी है. अमेरिकी मीडिया में जारी इस किताब के कुछ अंशों के मुताबिक ट्रंप एक ऐसे नेता हैं जिनके साथ विदेशी नेता आसानी से हेरफेर कर सकते हैं.

ट्रंप पहले ही इस किताब और बोल्टन की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने तल्ख अंदाज में बोल्टन को 'असंतुष्ट उबाऊ और मूर्ख' (disgruntled boring fool) करार दिया था.

ताजा घटनाक्रम में डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि बोल्टन के किताब की समीक्षा डरावने तरीके से की जा रही है. उन्होंने कहा, 'यह झूठ और काल्पनिक तरीके से गढ़ी गई कहानियों का संकलन है, सभी में मुझे बुरा दिखाने का प्रयास किया गया है.'

ट्रंप ने कहा कि कई हास्यास्पद बयान ऐसे हैं, जो मेरे द्वारा कभी भी दिए ही नहीं गए. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से काल्पनिक है. ट्रंप ने कहा कि वह एक सिक पपी (sick puppy) की तरह नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें ह्वाइट हाउस से निकाल दिया गया है.

पढ़ें- ट्रंप ने दोबारा चुनाव जीतने के लिए शी जिनपिंग से मांगी मदद- पूर्व एनएसए का दावा

स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक ट्रंप का यह ट्वीट एक पिछले ट्वीट के जैसा ही है, जिसमें उन्होंने बोल्टन को सनकी (wacko) करार दिया था. ट्रंप ने बोल्टन पर झूठ प्रकाशित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके पूर्व सलाहकार बोल्टन ने ह्वाइट हाउस से निकाले जाने से पहले उनसे केवल अच्छी बातें की थीं.

अपने पुराने ट्वीट में ट्रंप ने कहा था, 'सनकी जॉन बोल्‍टन की किताब उबाऊ, झूठी और फर्जी कहानियों से भरी हुई है. जब तक मैंने बोल्‍टन को निकाला नहीं था, तब तक वह मेरे बारे में अच्‍छा कहते रहे थे.'

बकौल ट्रंप, बोल्टन असंतुष्‍ट और उबाऊ मूर्ख हैं जो केवल लड़ना चाहते हैं. ट्रंप ने कहा था कि बोल्टन का बहिष्कार कर उन्हें खुशी से निकाल दिया गया.

क्यों विवादों में है किताब

अमेरिकी मीडिया के आउटलेट्स के अनुसार किताब के कुछ हिस्सों में ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी से 2020 के चुनाव के लिए सहायता मांगी थी और तुर्की की एक फर्म द्वारा ईरानी प्रतिबंधों के उल्लंघन में एक संघीय जांच का ध्यान रखेंगे.

इस प्रकाशन में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा विवादित और विवादास्पद बयान भी शामिल हैं. इसके अलावा पुस्तक में कथित तौर पर खुलासा किया गया है कि ट्रंप ने 2019 में यूक्रेन को सैन्य सहायता रोक दी, जो उनके खिलाफ महाभियोग की जांच का आधार था. पुस्तक के अनुसार, माइक पोम्पेओ सहित कई अधिकारियों ने इस रहस्य के खुलने पर इस्तीफा देने पर विचार किया था.

वाशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर अपने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के किताब की आलोचना की. इस किताब में अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं.

दरअसल, 'द रूम व्हेअर इट हैपंड : ए व्हाइट हाउस मेमॉयर' (The Room Where It Happened: A White House Memoir) शीर्षक वाली यह किताब प्रकाशित होने से पहले ही विवादित हो उठी है. अमेरिकी मीडिया में जारी इस किताब के कुछ अंशों के मुताबिक ट्रंप एक ऐसे नेता हैं जिनके साथ विदेशी नेता आसानी से हेरफेर कर सकते हैं.

ट्रंप पहले ही इस किताब और बोल्टन की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने तल्ख अंदाज में बोल्टन को 'असंतुष्ट उबाऊ और मूर्ख' (disgruntled boring fool) करार दिया था.

ताजा घटनाक्रम में डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि बोल्टन के किताब की समीक्षा डरावने तरीके से की जा रही है. उन्होंने कहा, 'यह झूठ और काल्पनिक तरीके से गढ़ी गई कहानियों का संकलन है, सभी में मुझे बुरा दिखाने का प्रयास किया गया है.'

ट्रंप ने कहा कि कई हास्यास्पद बयान ऐसे हैं, जो मेरे द्वारा कभी भी दिए ही नहीं गए. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से काल्पनिक है. ट्रंप ने कहा कि वह एक सिक पपी (sick puppy) की तरह नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें ह्वाइट हाउस से निकाल दिया गया है.

पढ़ें- ट्रंप ने दोबारा चुनाव जीतने के लिए शी जिनपिंग से मांगी मदद- पूर्व एनएसए का दावा

स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक ट्रंप का यह ट्वीट एक पिछले ट्वीट के जैसा ही है, जिसमें उन्होंने बोल्टन को सनकी (wacko) करार दिया था. ट्रंप ने बोल्टन पर झूठ प्रकाशित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके पूर्व सलाहकार बोल्टन ने ह्वाइट हाउस से निकाले जाने से पहले उनसे केवल अच्छी बातें की थीं.

अपने पुराने ट्वीट में ट्रंप ने कहा था, 'सनकी जॉन बोल्‍टन की किताब उबाऊ, झूठी और फर्जी कहानियों से भरी हुई है. जब तक मैंने बोल्‍टन को निकाला नहीं था, तब तक वह मेरे बारे में अच्‍छा कहते रहे थे.'

बकौल ट्रंप, बोल्टन असंतुष्‍ट और उबाऊ मूर्ख हैं जो केवल लड़ना चाहते हैं. ट्रंप ने कहा था कि बोल्टन का बहिष्कार कर उन्हें खुशी से निकाल दिया गया.

क्यों विवादों में है किताब

अमेरिकी मीडिया के आउटलेट्स के अनुसार किताब के कुछ हिस्सों में ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी से 2020 के चुनाव के लिए सहायता मांगी थी और तुर्की की एक फर्म द्वारा ईरानी प्रतिबंधों के उल्लंघन में एक संघीय जांच का ध्यान रखेंगे.

इस प्रकाशन में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा विवादित और विवादास्पद बयान भी शामिल हैं. इसके अलावा पुस्तक में कथित तौर पर खुलासा किया गया है कि ट्रंप ने 2019 में यूक्रेन को सैन्य सहायता रोक दी, जो उनके खिलाफ महाभियोग की जांच का आधार था. पुस्तक के अनुसार, माइक पोम्पेओ सहित कई अधिकारियों ने इस रहस्य के खुलने पर इस्तीफा देने पर विचार किया था.

Last Updated : Jun 19, 2020, 2:21 PM IST
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