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अमेरिका : डोनाल्ड ट्रंप का पुलिस फंड रोकने से इनकार

अमेरिका में अश्वेत नागरिक की मौत के बाद से विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है. पुलिस हिंसा और नस्लवाद के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच ट्रंप ने राजधानी से नेशनल गार्ड के जवानों को हटाने के आदेश दिए. इस बीच पुलिस को लेकर ट्रंप का बयान सामने आया है. जानें क्या कुछ बोले ट्रंप...

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
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Published : Jun 9, 2020, 9:11 AM IST

Updated : Jun 9, 2020, 11:29 AM IST

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ह्वाइट हाउस में कानून प्रवर्तन के सदस्यों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन के दौरान देश में पुलिस फंड रोकने से मना कर दिया है.

एक समाचार एजेंसी के हवाले से ट्रंप ने कहा कि हमारी पुलिस हमें शांति से रहने दे रही है. उनका फंड नहीं रोका जाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि 99 प्रतिशत पुलिस अधिकारी 'महान लोग' हैं.

ट्रंप ने कहा कि कभी-कभी आप कुछ भयानक चीजें देखेंगे, जैसा हमने हाल ही में देखा लेकिन मैं कहता हूं कि 99.9, 90 प्रतिशत महान हैं. उन्होंने ऐसी नौकरियां की हैं, जो रिकॉर्ड हैं.

इससे पहले, राष्ट्रपति ने एक ट्वीट में कहा था, 'इस साल हमारे देश के रिकॉर्ड इतिहास में सबसे कम अपराध संख्या देखी गई है,और अब कट्टरपंथी वाम डेमोक्रेट्स हमारी पुलिस को बदनाम करना चाहते हैं. क्षमा करें, मुझे कानून व्यवस्था चाहिए.'

एक सर्वे से पता चला कि अमेरिका में हुए विरोध प्रदर्शनों में हिंसा की तुलना में लोग जॉर्ज फ्लॉयड की मौत से ज्यादा दुखी हैं. न्यू वॉल स्ट्रीट जर्नल / एनबीसी न्यूज पोल के अनुसार विरोध प्रदर्शनों में हिंसा की तुलना में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या में पुलिस की कार्रवाई से हर दो में से एक अमेरिकी परेशान है.

वहीं 28 मई से दो जून तक एक हजार अमेरिकियों के बीच हुए सर्वेक्षण में 80 फीसदी लोगों ने यह भी महसूस किया कि देश नियंत्रण से बाहर हो रहा है.

बता दें, पुलिस हिरासत में मारे गए अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से ही अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

पढ़ें : जानें पुलिस के प्रति क्या है अमेरिकी लोगों का नजरिया

इससे पहले समाचार एजेंसी ने जानकारी दी थी कि 40 शहरों से ज्यादा शहरों में कर्फ्यू लगने के बाद वॉशिंगटन में लगभग पांच हजार नेशनल गार्ड सदस्यों की तैनाती की गई, जिसके बाद प्रदर्शन और भी उग्र हो गए. पुलिस हिंसा के विरोध में बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए ट्रंप ने नेशनल गार्ड को हटाने का फैसला लिया.

क्या है मामला?

एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने 25 मई को 46 वर्षीय फ्लॉयड को उनकी गर्दन पर घुटना रखकर पकड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई. इसके बाद पुलिस अधिकारी को थर्ड डिग्री देने और हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था.

मामले के बाद से ही नस्लभेद के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए. कहीं प्रदर्शनकारियों द्वारा आग लगाई जा रही है, तो कहीं अमेरिका के झंडे को आग के हवाले कर दिया गया.

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ह्वाइट हाउस में कानून प्रवर्तन के सदस्यों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन के दौरान देश में पुलिस फंड रोकने से मना कर दिया है.

एक समाचार एजेंसी के हवाले से ट्रंप ने कहा कि हमारी पुलिस हमें शांति से रहने दे रही है. उनका फंड नहीं रोका जाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि 99 प्रतिशत पुलिस अधिकारी 'महान लोग' हैं.

ट्रंप ने कहा कि कभी-कभी आप कुछ भयानक चीजें देखेंगे, जैसा हमने हाल ही में देखा लेकिन मैं कहता हूं कि 99.9, 90 प्रतिशत महान हैं. उन्होंने ऐसी नौकरियां की हैं, जो रिकॉर्ड हैं.

इससे पहले, राष्ट्रपति ने एक ट्वीट में कहा था, 'इस साल हमारे देश के रिकॉर्ड इतिहास में सबसे कम अपराध संख्या देखी गई है,और अब कट्टरपंथी वाम डेमोक्रेट्स हमारी पुलिस को बदनाम करना चाहते हैं. क्षमा करें, मुझे कानून व्यवस्था चाहिए.'

एक सर्वे से पता चला कि अमेरिका में हुए विरोध प्रदर्शनों में हिंसा की तुलना में लोग जॉर्ज फ्लॉयड की मौत से ज्यादा दुखी हैं. न्यू वॉल स्ट्रीट जर्नल / एनबीसी न्यूज पोल के अनुसार विरोध प्रदर्शनों में हिंसा की तुलना में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या में पुलिस की कार्रवाई से हर दो में से एक अमेरिकी परेशान है.

वहीं 28 मई से दो जून तक एक हजार अमेरिकियों के बीच हुए सर्वेक्षण में 80 फीसदी लोगों ने यह भी महसूस किया कि देश नियंत्रण से बाहर हो रहा है.

बता दें, पुलिस हिरासत में मारे गए अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से ही अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

पढ़ें : जानें पुलिस के प्रति क्या है अमेरिकी लोगों का नजरिया

इससे पहले समाचार एजेंसी ने जानकारी दी थी कि 40 शहरों से ज्यादा शहरों में कर्फ्यू लगने के बाद वॉशिंगटन में लगभग पांच हजार नेशनल गार्ड सदस्यों की तैनाती की गई, जिसके बाद प्रदर्शन और भी उग्र हो गए. पुलिस हिंसा के विरोध में बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए ट्रंप ने नेशनल गार्ड को हटाने का फैसला लिया.

क्या है मामला?

एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने 25 मई को 46 वर्षीय फ्लॉयड को उनकी गर्दन पर घुटना रखकर पकड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई. इसके बाद पुलिस अधिकारी को थर्ड डिग्री देने और हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था.

मामले के बाद से ही नस्लभेद के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए. कहीं प्रदर्शनकारियों द्वारा आग लगाई जा रही है, तो कहीं अमेरिका के झंडे को आग के हवाले कर दिया गया.

Last Updated : Jun 9, 2020, 11:29 AM IST
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