वॉशिंगटन : अमेरिकी सदन ने एशियाई मूल के अमेरिकियों तथा प्रशांत द्वीपसमूह के लोगों के खिलाफ नस्ली घृणा से प्रेरित अपराधों से निपटने के लिए एक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी और इस पर हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन के पास भेज दिया गया है.
विधेयक को 62 के मुकाबले 364 मतों से सदन में पारित किया गया. इससे न्याय मंत्रालय के स्तर पर नस्ली घृणा अपराधों की जांच में तेजी आएगी और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पूर्वाग्रह से प्रेरित घटनाओं की जांच, पहचान और शिकायत दर्ज कराने में सुधार के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा, जिनकी अक्सर शिकायत दर्ज नहीं की जाती. अप्रैल में सांसदों के एक समझौते पर पहुंचने के बाद सीनेट ने एक के मुकाबले 94 मतों से इसे मंजूरी दे दी थी. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि वह इस पर हस्ताक्षर करेंगे.
विधेयक को सदन में पारित कराने के लिए मदद करने वाले ग्रेस मेंग ने कहा, एशियाई अमेरिकी मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं और सदन, सीनेट तथा राष्ट्रपति बाइडेन ने स्पष्ट रूप से हमारी गुहार सुन ली है.
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सांसद जूडी चू ने कहा, यह कई लोगों के लिए काफी दुखद है कि रोजाना अखबार खोलते ही वे एशिया अमेरिकियों पर हमले, उनसे बदसलूकी और उनकी हत्या की खबर देखें. चू ने कहा, आप सोचने लगते हैं कि कहीं इन सब का अगला शिकार मैं तो नहीं?
वहीं, कुछ कार्यकर्ताओं ने इस विधेयक को भ्रामक भी बताया है. 100 से अधिक संगठनों ने विधेयक का विरोध करने वाले एक बयान पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं. उनका कहना है कि इसमें कानून प्रवर्तन पर अत्यधिक निर्रभरता जताई गई है, जबकि असल मुद्दे से निपटान के लिए बहुत कम निधि उपलब्ध कराई गई है.
जीएपीआईएमएनवाय-एम्पॉवरिंग क्वीर एंड एम्प, ट्रांस एशियन पेसिफिक आईलैंडर के सह-अध्यक्ष जेसन वू ने कहा, हमारे पास 1968 से नस्ली घृणा के खिलाफ कानून है, इसको कई बार व्यापक भी किया गया और यह नया विधेयक भी लगभग वैसा ही है.
उन्होंने कहा, ये मुद्दे पूर्वाग्रह के बारे में हैं, लेकिन असमानता में भी निहित हैं और हमारे समुदायों के लिए निवेश और संसाधनों की कमी है. पुलिस और जेलों की कमी नहीं है.