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कोविड-19 से संक्रमित एक तिहाई से अधिक बच्चों में बीमारी के लक्षण नहीं

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Published : Dec 1, 2020, 10:55 PM IST

दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या छह करोड़ के पार पहुंच गई है और संक्रमण से 14 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. संक्रमण के ज्यादातर मामलों में बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई देते. एक अध्ययन से इसकी पुष्टि हुई है. अध्ययन में पता चला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित एक तिहाई से अधिक बच्चों में इसके लक्षण नहीं दिखाई देते.

covid 19 infected children
प्रतीकात्मक फोटो

टोरंटो : एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए एक तिहाई से अधिक बच्चों में इस महामारी के लक्षण नहीं दिखाई दिए.

अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 से संक्रमित एक तिहाई से अधिक बच्चे एसिंप्टोमेटिक (लक्षणविहीन) हैं. इसके अनुसार इस महामारी से संक्रमित बच्चों में खांसी, जुकाम और गले में खराश सबसे आम लक्षण थे.

सीएमएजे जर्नल में प्रकाशित शोध में कनाडा के अल्बर्टा में 2,463 बच्चों के लिए निष्कर्षों का विश्लेषण किया गया. इन बच्चों की महामारी की पहली लहर मार्च से सितम्बर के दौरान कोविड-19 संक्रमण के लिए जांच की गई थी.

पढ़ें-यहां पढ़ें कोरोना वायरस से जुड़ी देशभर की बड़ी खबरें

कनाडा में अल्बर्टा फैकल्टी ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री यूनिवर्सिटी के सह-लेखक फिनले मैकएलिस्टर ने कहा, 'जन स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता की एक बात यह है कि समुदाय में संभवत: कोविड-19 इसलिए फैल रहा है क्योंकि लोगों को यह महसूस ही नहीं हो रहा है.'

अध्ययन के अनुसार, 2,463 बच्चों में से 1,987 बच्चों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 476 बच्चों की रिपोर्ट नेगेटिव आई और जो संक्रमित पाये गये उनमें से 714 बच्चे लगभग 36 प्रतिशत एसिंप्टोमेटिक थे.

मैकएलिस्टर ने कहा कि एक तिहाई बच्चों में बीमारी के लक्षण नहीं होने के कारण क्रिसमस पर लंबी अवधि के लिए स्कूलों को बंद करना सही फैसला था.

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि खांसी, जुकाम और गले में खराश तीन सबसे आम लक्षण थे जिनमें कोविड-19 संक्रमण था. हालांकि उन्होंने कहा कि ये लक्षण मामूली रूप से उनमें भी थे जो इस महामारी से संक्रमित नहीं पाये गये थे.

टोरंटो : एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए एक तिहाई से अधिक बच्चों में इस महामारी के लक्षण नहीं दिखाई दिए.

अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 से संक्रमित एक तिहाई से अधिक बच्चे एसिंप्टोमेटिक (लक्षणविहीन) हैं. इसके अनुसार इस महामारी से संक्रमित बच्चों में खांसी, जुकाम और गले में खराश सबसे आम लक्षण थे.

सीएमएजे जर्नल में प्रकाशित शोध में कनाडा के अल्बर्टा में 2,463 बच्चों के लिए निष्कर्षों का विश्लेषण किया गया. इन बच्चों की महामारी की पहली लहर मार्च से सितम्बर के दौरान कोविड-19 संक्रमण के लिए जांच की गई थी.

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कनाडा में अल्बर्टा फैकल्टी ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री यूनिवर्सिटी के सह-लेखक फिनले मैकएलिस्टर ने कहा, 'जन स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता की एक बात यह है कि समुदाय में संभवत: कोविड-19 इसलिए फैल रहा है क्योंकि लोगों को यह महसूस ही नहीं हो रहा है.'

अध्ययन के अनुसार, 2,463 बच्चों में से 1,987 बच्चों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 476 बच्चों की रिपोर्ट नेगेटिव आई और जो संक्रमित पाये गये उनमें से 714 बच्चे लगभग 36 प्रतिशत एसिंप्टोमेटिक थे.

मैकएलिस्टर ने कहा कि एक तिहाई बच्चों में बीमारी के लक्षण नहीं होने के कारण क्रिसमस पर लंबी अवधि के लिए स्कूलों को बंद करना सही फैसला था.

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि खांसी, जुकाम और गले में खराश तीन सबसे आम लक्षण थे जिनमें कोविड-19 संक्रमण था. हालांकि उन्होंने कहा कि ये लक्षण मामूली रूप से उनमें भी थे जो इस महामारी से संक्रमित नहीं पाये गये थे.

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