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मास्क पहनने संबंधी दिशा निर्देशों में कोई बदलाव नहीं : ह्वाइट हाउस

अमेरिका में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लोगों को टीका लगाने के बावजूद बंद जगह पर मास्क लगाने होंगे. इस फैलसे में कोई बदलाव नहीं किए जाएंगे.

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Published : Jul 23, 2021, 1:42 PM IST

वॉशिंगटन : ह्वाइट हाउस ने कहा कि चेहरे पर मास्क पहनने पर कोविड-19 दिशा निर्देशों में बदलाव का कोई फैसला नहीं लिया गया है.

प्रेस सचिव जेन साकी ने बृहस्पतिवार को इस बात पर जोर दिया कि जन स्वास्थ्य के बारे में फैसले रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) लेता है न कि ह्वाइट हाउस. उन्होंने कहा कि दिशा निर्देशों में अगर कोई बदलाव होगा तो उसका फैसला सीडीसी लेगा.

मौजूदा दिशा निर्देशों के तहत पूरी तरह से टीका लगवा चुके लोगों को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है जबकि जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है उन्हें मास्क पहनना चाहिए.

ह्वाइट हाउस और जन स्वास्थ्य अधिकारी इस पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या मास्क दिशा निर्देशों में बदलाव की जरूरत है क्योंकि कोविड-19 मामलों में वृद्धि के लिए अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप को जिम्मेदार ठहराया गया है.

इस बीच ह्वाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि जिन राज्यों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, वहां टीकाकरण की गति बढ़ाई जा रही है.

संघीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वे उन तरीकों को तलाश रहे हैं जिससे उन्हें जल्द से जल्द यह पता चल सके कि कोविड-19 टीके की तीसरी खुराक कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले मरीजों को बीमारी से बचाव उपलब्ध कराने में कारगर है या नहीं.

टीके ज्यादातर लोगों में बेहद प्रभावी हैं लेकिन प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे अमेरिकी टीकाकरण के बाद इस पसोपेश में पड़े हुए हैं कि वे असल में कितने सुरक्षित हैं. फ्रांस और इजराइल ने अंग प्रतिरोपण कराने वालों और अन्य कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों को टीके की अतिरिक्त खुराक देनी पहले ही शुरू कर दी है. अमेरिका में भी ऐसे मरीजों ने एक और खुराक के लिए जोर देना शुरू कर दिया है.

रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र (सीडीसी) के सलाहकारों ने बृहस्पतिवार को कुछ छोटे अध्ययनों की समीक्षा की जो साबित तो नहीं करते लेकिन संकेत देते हैं कि तीसरी खुराक कम से कम कुछ कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों में मददगार हो सकती है. समिति खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की मंजूरी के बिना अतिरिक्त खुराक की औपचारिक अनुशंसा नहीं कर सकती लेकिन कई सलाहकारों ने पूछा है कि क्या सरकार चिंतित मरीजों को अध्ययन का हिस्सा बनने की अनुमति दे सकती है.

सीडीसी की डॉ अमांदा कोहन ने कहा, 'हम ऐसे तरीकों की सक्रियता से तलाश कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'आप देखते रहिए. हम उन मुद्दों पर काम कर रहे हैं.'

कोरोना वायरस के समन्वयक जेफ जिएंट्स ने पत्रकारों को बताया कि कई राज्यों में जहां संक्रमण के अधिक नए मामले आ रहे हैं, वहां निवासी बड़ी संख्या में टीका लगवा रहे हैं. अधिकारियों ने अरकंसास, फ्लोरिडा, लुइसियाना, मिसौरी और नेवादा के उदाहरण दिए.

पढ़ें :- पश्चिमी देशाें ने मास्क काे गंभीरता से नहीं लिया, जानें वजह

लुइसियाना के गवर्नर जॉन बेल एडवर्ड्स ने एक रेडियो कार्यक्रम में कहा, चौथी बार मामलों में वास्तविक तौर पर वृद्धि हो रही है और संक्रमण के मामलों की संख्या डरावनी है. इसमें कोई शक नहीं है कि हम गलत दिशा में जा रहे हैं और हम जल्दबाजी में जा रहे हैं.

लुइसियाना में बृहस्पतिवार को महामारी के 2,843 नए मामले सामने आए. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, लुइसियाना की महज 36 प्रतिशत आबादी ने ही टीके की दोनों खुराक ली है. राष्ट्रीय तौर पर 56.3 प्रतिशत अमेरिकियों ने टीके की कम से कम एक खुराक ली है.

(एपी)

वॉशिंगटन : ह्वाइट हाउस ने कहा कि चेहरे पर मास्क पहनने पर कोविड-19 दिशा निर्देशों में बदलाव का कोई फैसला नहीं लिया गया है.

प्रेस सचिव जेन साकी ने बृहस्पतिवार को इस बात पर जोर दिया कि जन स्वास्थ्य के बारे में फैसले रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) लेता है न कि ह्वाइट हाउस. उन्होंने कहा कि दिशा निर्देशों में अगर कोई बदलाव होगा तो उसका फैसला सीडीसी लेगा.

मौजूदा दिशा निर्देशों के तहत पूरी तरह से टीका लगवा चुके लोगों को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है जबकि जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है उन्हें मास्क पहनना चाहिए.

ह्वाइट हाउस और जन स्वास्थ्य अधिकारी इस पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या मास्क दिशा निर्देशों में बदलाव की जरूरत है क्योंकि कोविड-19 मामलों में वृद्धि के लिए अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप को जिम्मेदार ठहराया गया है.

इस बीच ह्वाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि जिन राज्यों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, वहां टीकाकरण की गति बढ़ाई जा रही है.

संघीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वे उन तरीकों को तलाश रहे हैं जिससे उन्हें जल्द से जल्द यह पता चल सके कि कोविड-19 टीके की तीसरी खुराक कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले मरीजों को बीमारी से बचाव उपलब्ध कराने में कारगर है या नहीं.

टीके ज्यादातर लोगों में बेहद प्रभावी हैं लेकिन प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे अमेरिकी टीकाकरण के बाद इस पसोपेश में पड़े हुए हैं कि वे असल में कितने सुरक्षित हैं. फ्रांस और इजराइल ने अंग प्रतिरोपण कराने वालों और अन्य कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों को टीके की अतिरिक्त खुराक देनी पहले ही शुरू कर दी है. अमेरिका में भी ऐसे मरीजों ने एक और खुराक के लिए जोर देना शुरू कर दिया है.

रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र (सीडीसी) के सलाहकारों ने बृहस्पतिवार को कुछ छोटे अध्ययनों की समीक्षा की जो साबित तो नहीं करते लेकिन संकेत देते हैं कि तीसरी खुराक कम से कम कुछ कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों में मददगार हो सकती है. समिति खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की मंजूरी के बिना अतिरिक्त खुराक की औपचारिक अनुशंसा नहीं कर सकती लेकिन कई सलाहकारों ने पूछा है कि क्या सरकार चिंतित मरीजों को अध्ययन का हिस्सा बनने की अनुमति दे सकती है.

सीडीसी की डॉ अमांदा कोहन ने कहा, 'हम ऐसे तरीकों की सक्रियता से तलाश कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'आप देखते रहिए. हम उन मुद्दों पर काम कर रहे हैं.'

कोरोना वायरस के समन्वयक जेफ जिएंट्स ने पत्रकारों को बताया कि कई राज्यों में जहां संक्रमण के अधिक नए मामले आ रहे हैं, वहां निवासी बड़ी संख्या में टीका लगवा रहे हैं. अधिकारियों ने अरकंसास, फ्लोरिडा, लुइसियाना, मिसौरी और नेवादा के उदाहरण दिए.

पढ़ें :- पश्चिमी देशाें ने मास्क काे गंभीरता से नहीं लिया, जानें वजह

लुइसियाना के गवर्नर जॉन बेल एडवर्ड्स ने एक रेडियो कार्यक्रम में कहा, चौथी बार मामलों में वास्तविक तौर पर वृद्धि हो रही है और संक्रमण के मामलों की संख्या डरावनी है. इसमें कोई शक नहीं है कि हम गलत दिशा में जा रहे हैं और हम जल्दबाजी में जा रहे हैं.

लुइसियाना में बृहस्पतिवार को महामारी के 2,843 नए मामले सामने आए. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, लुइसियाना की महज 36 प्रतिशत आबादी ने ही टीके की दोनों खुराक ली है. राष्ट्रीय तौर पर 56.3 प्रतिशत अमेरिकियों ने टीके की कम से कम एक खुराक ली है.

(एपी)

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