न्यूयॉर्क : विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन और महामारी से जुड़ी अन्य पाबंदियों ने नशे की लत से जूझ रहे लोगों को अकेला कर दिया और उनके लिए अपना इलाज कराना मुश्किल हो गया.
आंकड़ों के अनुसार, यह उसके पिछले साल 'ड्रग ओवरडोज' से हुई 72000 मौत के आंकड़े को पार कर गया है. ओवरडोज के मामलों पर करीब से नजर रखने वाले ब्राउन यूनिवर्सिटी के जन स्वास्थ्य अनुसंधानकर्ता ब्रांडन मार्शल ने कहा कि यह जनहानि का बड़ा मामला है.
उन्होंने कहा कि देश 'ड्रग ओवरडोज' से होने वाली मौतों के मामलों से पहले ही जूझ रहा था लेकिन कोविड ने इस संकट को और बढ़ा दिया. पिछले साथ मादक पदार्थ के अत्यधिक सेवन से जॉर्डन मैकग्लाशेन की मिशिगन स्थित उसके अपार्टमेंट में मौत हो गई. जॉर्डन को उसके 39वें जन्मदिन से महज एक दिन पहले छह मई को मृत घोषित किया गया.
जॉर्डन की मौत हेरोइन और फेंटानिल मादक पदार्थों के ओवरडोज से हुई थी. एक समय था जब अमेरिका में मादक पदार्थों के अत्यधिक सेवन से सबसे ज्यादा मौतें दर्द की दवाओं को लेने से होती थीं, लेकिन धीरे-धीरे उनकी जगह पहले हेरोइन ने और फिर फेंटानिल ने ली.
दर्द निवारक दवा फेंटानिल को कैंसर और इसी तरह की अन्य जानलेवा बीमारियों के दौरान होने वाले भीषण दर्द से मुक्ति के लिए विकसित किया गया था, लेकिन बड़े पैमाने पर उसे अवैध रुप से बेचा जा रहा है और अन्य ड्रग्स के साथ उसे मिलाया जा रहा है.
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'ड्रग ओवरडोज’ के भौगोलिक स्वरूप का अध्ययन करने वाले सिराकस यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र विषय के एसोसिएट प्रोफेसर शैनन मोनात ने कहा कि ओवरडोज के मामलों में यह अभूतपूर्व वृद्धि अत्यधिक जहरीली दवाओं की आपूर्ति के कारण हो रही है.