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अश्वेतों को ट्रंप की टुल्सा रैली से हिंसा भड़कने की है आशंका

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Published : Jun 18, 2020, 4:58 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी चुनावी रैलियों की शुरुआत कर दी है. इसी कड़ी में शनिवार को टुल्सा में उनकी रैली आयोजित होनी है. टुल्सा वहीं जगह है जहां 1921 में श्वेत लोगों की भीड़ ने 300 अश्वेत नागरिकतों की हत्या कर दी थी. यहां रैली होने से अश्नवेतों को फिर से हिंसा भड़कने की आशंका सता रही है.

ट्रंप की टुल्सा रैली से हिंसा भड़कने की आशंका
ट्रंप की टुल्सा रैली से हिंसा भड़कने की आशंका

ओकलाहोमा सिटी (अमेरिका) : टुल्सा में अश्वेतों के समुदाय के नेताओं ने आशंका जताई है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टुल्सा में रैली से हिंसा भड़क सकती है.

ओकलाहोमा के गवर्नर ने ट्रंप से वहां नहीं आने के लिए कहा है. यहां 1921 में श्वेत लोगों की भीड़ ने 300 अश्वेत लोगों की हत्या कर दी थी. राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के लिए ट्रंप रैलियां कर रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को वो टुल्सा में रैली करने जा रहे हैं जिसमें हजारों लोगों के आने की संभावना है. देश में दास प्रथा के अंत की खुशी में मनाया जाने वाला ‘जूनटीन्थ’ उत्सव भी इसी दौरान मनाया जाएगा.

मिनियापोलिस के रहने वाले अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को मौत के बाद यहां कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुआ था लेकिन इस दौरान हिंसा की घटनाएं अधिक नहीं हुई थी.

मेट्रोपॉलिटन के बैपटिस्ट चर्च के पादरी रे ओवेन्स ने कहा कि वह काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि मैं ऐसी अफवाहें सुन रहा हूं कि दोनों तरफ से लोग आ रहे हैं, जो शारीरिक या जुबानी लड़ाई छेड़ सकते हैं. इसको लेकर मैं काफी चिंतित हूं.

ट्रंप ने दोबारा चुनाव जीतने के लिए शी जिनपिंग से मांगी मदद- पूर्व एनएसए का दावा

अश्वेत समुदाय से जुड़े एक आयोजक मार्क लेविस ने कहा कि उनकी (ट्रंप) यह यात्रा भड़काऊ है.

ओकलाहोमा सिटी (अमेरिका) : टुल्सा में अश्वेतों के समुदाय के नेताओं ने आशंका जताई है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टुल्सा में रैली से हिंसा भड़क सकती है.

ओकलाहोमा के गवर्नर ने ट्रंप से वहां नहीं आने के लिए कहा है. यहां 1921 में श्वेत लोगों की भीड़ ने 300 अश्वेत लोगों की हत्या कर दी थी. राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के लिए ट्रंप रैलियां कर रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को वो टुल्सा में रैली करने जा रहे हैं जिसमें हजारों लोगों के आने की संभावना है. देश में दास प्रथा के अंत की खुशी में मनाया जाने वाला ‘जूनटीन्थ’ उत्सव भी इसी दौरान मनाया जाएगा.

मिनियापोलिस के रहने वाले अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को मौत के बाद यहां कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुआ था लेकिन इस दौरान हिंसा की घटनाएं अधिक नहीं हुई थी.

मेट्रोपॉलिटन के बैपटिस्ट चर्च के पादरी रे ओवेन्स ने कहा कि वह काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि मैं ऐसी अफवाहें सुन रहा हूं कि दोनों तरफ से लोग आ रहे हैं, जो शारीरिक या जुबानी लड़ाई छेड़ सकते हैं. इसको लेकर मैं काफी चिंतित हूं.

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अश्वेत समुदाय से जुड़े एक आयोजक मार्क लेविस ने कहा कि उनकी (ट्रंप) यह यात्रा भड़काऊ है.

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