वाशिंगटन : अमेरिका में नस्लवाद और पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ देशभर में चल रहे प्रदर्शनों का सिलसिला हफ्ते भर से जारी है. शुरुआत में अराजकता का माहौल बना लेकिन अब मोटे तौर पर विरोध शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे हैं और ऐसे में आयोजकों को उम्मीद है कि उनका अभियान जारी रहेगा.
शनिवार को हजारों लोगों ने कई स्थानों पर शांतिपूर्ण मार्च किया.
मास्क पहने और मूलभूत बदलावों की मांग करते हुए शनिवार को प्रदर्शनकारी दर्जनों स्थानों पर एकत्रित हुए. वहीं नॉर्थ कैरोलाइना में लोग जॉर्ज फ्लॉयड के शव वाले सुनहरे ताबूत की एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे. अफ्रीकी-अमेरिकी फ्लॉयड की मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
गत 25 मई को फ्लॉयड की मौत के बाद संभवत: पहली बार इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और वो भी ऐसे समय में जब आगजनी, लूटपाट और हिंसा की घटनाओं के बाद लगाए कर्फ्यू को अधिकारियों ने हटाना शुरू कर दिया है.
प्रदर्शन चार अन्य महाद्वीपों में भी शुरू हो गए. लंदन और फ्रांस में झड़पें हुई. अमेरिका में सिएटल पुलिस को पत्थर, बोतलें फेंक रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए मिर्च का स्प्रे करना पड़ा तथा अन्य तरीके इस्तेमाल करने पड़े. अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक किस्म के विस्फोटक पदार्थ फेंके जिनसे कुछ अधिकारी घायल हुए.
सबसे बड़ा प्रदर्शन वाशिंगटन में देखा गया जहां सड़कों पर प्रदर्शनकारी उमड़ पड़े.
गर्मी और उमस के बीच प्रदर्शनकारी कैपिटोल, नेशनल मॉल और आसपास के इलाकों में उमड़े. कई जगह तंबू तन गए जहां पानी और नाश्ता बंट रहा था.
प्रदर्शनकारी पुलिस की गला घोंट पकड़ पर संघीय पाबंदी लगाने तथा अधिकारियों के लिए शरीर पर कैमरा पहनना अनिर्वाय करने की मांग कर रहे हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अधिकारियों को प्रदर्शनों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. उन्होंने प्रदर्शनों को अधिक महत्व नहीं देते हुए ट्वीट किया, 'जैसा कि अनुमान लगाया था, वाशिंगटन में उससे बहुत कम भीड़ जुटी.'
कई समूहों ने व्हाइट हाउस की ओर कूच किया. व्हाइट हाउस की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के गोल्फ रिजॉर्ट के बाहर भी करीब 100 प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए.
सैन फ्रांसिस्को में गोल्डन गेट ब्रिज और न्यूयॉर्क में ब्रुकलिन ब्रिज में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए. कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कई लोगों ने मास्क पहन रखा था.
अफ्रीकी अमेरिकी प्रदर्शनकारी रोड्रिक स्वीनी ने कहा कि बड़ी संख्या में श्वेत प्रदर्शनकारियों ने 'अश्वेत जिंदगियां मायने रखती हैं' के पोस्टर लहराए जिससे एक मजबूत संदेश पहुंचा है.
फिलाडेल्फिया और शिकागो में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की. फ्लॉयड का शव अब ह्यूस्टन ले जाया जाएगा जहां वह पहले रहते थे.