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लाल ग्रह पर उतरा नासा का रोवर, पहली तस्वीर जारी - मंगल ग्रह की सतह

नासा का पर्सिवरेंस (Perseverance) रोवर शुक्रवार को मंगल ग्रह की सतह पर सफलता पूर्वक लैंड कर गया. रोवर ने भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर मंगल पर लैंड किया. लैंड करने के बाद नासा ने लाल ग्रह से रोवर की पहली तस्वीर जारी की है.

Lander sends its first images of Martian surface
Lander sends its first images of Martian surface
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Published : Feb 19, 2021, 6:43 AM IST

Updated : Feb 19, 2021, 8:00 AM IST

केप केनवेरल : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा भेजा गया रोवर शुक्रवार को मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक लैंड कर चुका है. मंगल ग्रह पर लैंड करने के तुरंत रोवर ने ग्रह के सतह की तस्वीरों को भेजी है. नासा ने लाल ग्रह की इन तस्वीरों को जारी किया है.

लाल ग्रह की पहली तस्वीर जारी.

रोवर को किसी ग्रह की सतह पर उतारना अंतरिक्ष विज्ञान में सबसे जोखिम भरा कार्य होता है. छह पहिए वाला यह उपकरण मंगल ग्रह पर उतरकर जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकता है कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था.

वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है.

पढ़ें-जानिए कौन हैं, नासा की इंजीनियर डॉ स्वाति मोहन, जिन्होंने निभाई बड़ी भूमिका

इस परियोजना के वैज्ञानिक केन विलिफोर्ड ने कहा, क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी, कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?

पर्सविरन्स नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है. 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है. नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि रोवर को मंगल की सतह पर उतारने के दौरान सात मिनट का समय सांसें थमा देने वाला होगा.

केप केनवेरल : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा भेजा गया रोवर शुक्रवार को मंगल ग्रह पर सफलता पूर्वक लैंड कर चुका है. मंगल ग्रह पर लैंड करने के तुरंत रोवर ने ग्रह के सतह की तस्वीरों को भेजी है. नासा ने लाल ग्रह की इन तस्वीरों को जारी किया है.

लाल ग्रह की पहली तस्वीर जारी.

रोवर को किसी ग्रह की सतह पर उतारना अंतरिक्ष विज्ञान में सबसे जोखिम भरा कार्य होता है. छह पहिए वाला यह उपकरण मंगल ग्रह पर उतरकर जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकता है कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था.

वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है.

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इस परियोजना के वैज्ञानिक केन विलिफोर्ड ने कहा, क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी, कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?

पर्सविरन्स नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है. 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है. नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि रोवर को मंगल की सतह पर उतारने के दौरान सात मिनट का समय सांसें थमा देने वाला होगा.

Last Updated : Feb 19, 2021, 8:00 AM IST
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