शिकागो : अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के बारे में सोशल मीडिया में लंबे समय से गलत सूचनाएं डाली जा रही हैं. सोशल मीडिया पर उनके बारे में कई नस्ली दावे भी किए जा रहे हैं, जैसे- वह ह्वाइट हाउस में काम करने योग्य नहीं हैं तथा वह अपनी अश्वेत एवं भारतीय पृष्ठभूमि के बारे में झूठ बोल रही हैं.
हैरिस की मां भारतीय हैं और पिता जमैका से हैं. जब से हैरिस उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी हैं, तब से उन्हें निशाने पर लेते हुए ऑनलाइन भ्रामक अभियान भी तेज हो गए हैं. हैरिस के खिलाफ भ्रामक अभियान रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार श्वेत व्यक्ति माइक पेंस के मुकाबले चार गुना अधिक है.
मीडिया फर्म जिग्नल लैब्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. इस संस्थान से जुड़ी जेनिफर ग्रांस्टन ने कहा, 'कमला हैरिस से जुड़ी ज्यादातर बातें उनकी निजी शख्सियत के बारे में होती हैं, खासकर उनकी त्वचा के रंग को लेकर.'
मीडिया फर्म ने पाया कि जून से लेकर अब तक ट्विटर पर हैरिस का दस लाख से अधिक बार जिक्र हुआ और ऐसे हैशटैग और शब्दों के साथ हुआ, जो उनके बारे में गलत जानकारी से जुड़े थे.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हैरिस के बारे में जनवरी 2019 से ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर गलत जानकारियां चल रही हैं, जब हैरिस ने घोषणा की थी कि वह उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए मैदान में उतरेंगी.
यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति पद के चुनाव में अर्थव्यवस्था व नौकरियां मुख्य मुद्दे : अमेरिकी मतदाता
अगस्त में जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हैरिस के बारे में भ्रामक बातें कीं, तब से लेकर उनके बारे में गलत जानकारियों की बाढ़ सी आ गई.
वर्ष 2016 के प्रचार अभियान के मुकाबले इस वर्ष उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सोशल मीडिया पर कहीं अधिक चर्चा का विषय बने हुए हैं.