पेरिस : अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने पनडुब्बी समझौते को लेकर हुए विवाद के बाद इस बात पर सहमति जतायी है कि दोनों देश एक बार फिर मिलकर काम करने के लिये तैयार हैं. इस विवाद के चलते दोनों देशों के संबंध बेहद खराब हो गए थे. सबसे पुराने सहयोगी फ्रांस के साथ संबंधों को पटरी पर लाने के अमेरिका के प्रयासों के तहत हैरिस ने बुधवार शाम राष्ट्रपति आवास एलिस में मैक्रों से मुलाकात की.
दरअसल, 29 अक्टूबर को इटली के रोम में हुई एक बैठक के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मैक्रों से कहा था कि अमेरिका पनडुब्बी मामले को संभालने में 'अनाड़ी' रहा. बाइडन के इस बयान के बाद हैरिस की यह चार दिवसीय यात्रा शुरू हुई है.
हालांकि, बाइडन ने इस मामले पर मैक्रों से औपचारिक रूप से माफी तो नहीं मांगी, लेकिन स्वीकार किया कि अमेरिका को अपने सबसे पुराने सहयोगी को इस तरह आश्चर्यचकित नहीं करना चाहिये था.
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गौरतलब है कि अमेरिका और ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ परमाणु पनडुब्बी की आपूर्ति के लिए करार किया था, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ डीजल संचालित पनडुब्बी के करार को रद्द कर दिया था. इस पर फ्रांस ने नाराजगी जताई थी और इससे वाशिंगटन के साथ उसके रिश्तों में भी खटास आ गई थी. मैक्रों ने बुधवार को कहा कि बाइडन के साथ उनकी 'वार्ता काफी फलदायी' रही थी.
उन्होंने कहा कि हम इस विचार को साझा करते हैं कि हम एक नए युग की शुरुआत में हैं और इसके लिए हमारा सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति की टिप्पणियों को प्रतिध्वनित करते हुए, हैरिस ने कहा कि मुझे लगता है कि हम इस विश्वास को साझा करते हैं कि हम एक नए युग की शुरुआत में हैं, जो हमें कई चुनौतियों के साथ-साथ कई अवसर प्रदान करता है.
उन्होंने कहा कि आपके और राष्ट्रपति बाइडन के बीच हुई शानदार बातचीत के आधार पर, मैं अगले कुछ दिनों को लेकर उत्साहित हूं. हम मिलकर काम करेंगे.
(पीटीआई-भाषा)