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चीन ने की अत्यंत आक्रामक कार्रवाई, भारत ने दिया सर्वश्रेष्ठ जवाब : पोम्पिओ

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीन की अत्यंत आक्रामक गतिविधियों का भारतीयों ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से जवाब दिया है. पोम्पिओ पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्रों में चीन की घुसपैठ के संबंध में सवालों का जवाब दे रहे थे. बता दें कि हाल ही में गलवान घाटी में बीते 15-16 जून की दरम्यानी रात भारतीय और चीनी सेना में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन के भी 30 से अधिक सैनिक मारे गए, लेकिन चीन ने इसके आधिकारिक आंकड़े आज तक जारी नहीं किए हैं.

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पोम्पिओ
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Published : Jul 9, 2020, 7:08 AM IST

Updated : Jul 9, 2020, 8:28 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीन की अत्यंत आक्रामक गतिविधियों का भारतीयों ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि चीन की क्षेत्रीय विवादों को उकसाने की प्रवृत्ति रही है और दुनिया को यह धौंस चलने नहीं देनी चाहिए.

पोम्पिओ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस (चीन की आक्रामक गतिविधियों) बारे में कई बार बात की है. चीन वालों ने अत्यंत आक्रामक गतिविधियां संचालित की हैं. भारतीयों ने उनका जवाब भी सर्वश्रेष्ठ तरीके से दिया है.'

पोम्पिओ पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्रों में चीन की घुसपैठ के संबंध में सवालों का जवाब दे रहे थे.

पढ़ें : चीन पर भड़के पोम्पिओ, कहा- अमेरिका को अपनाने होंगे नए रास्ते

भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी तथा गोग्रा हॉट स्प्रिंग समेत पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में आठ सप्ताह से गतिरोध बना हुआ है. पिछले महीने हालात उस समय और बिगड़ गये जब हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए.

चीन की सेना ने सोमवार को गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू किया. इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को लंबी बातचीत की थी. डोभाल और वांग भारत-चीन सीमा वार्ता पर विशेष प्रतिनिधि भी हैं.

पोम्पिओ ने कहा, 'मैं (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के) महासचिव राष्ट्रपति शी चिनफिंग और क्षेत्र में और वास्तव में तो पूरी दुनिया में उनके व्यवहार के संदर्भ में ये बातें रख रहा हूं.'

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के आक्रामक रुख की विशेष घटना को अलग से देखना संभव है. मेरा मानना है कि आपको इसे व्यापक संदर्भ में देखना होगा.'

पढ़ें : भारत-चीन के बीच विश्वास बहाली के लिए 'पुलबैक' प्रक्रिया आवश्यक

सीसीपी ने हाल ही में ग्लोबल एनवॉयरमेंटल फेसिलिटी की बैठक में भूटान के साथ सीमा विवाद दर्ज कराया था.

पोम्पिओ ने कहा, 'हिमालय की पर्वत शृंखलाओं से लेकर वियतनाम के विशेष जोन में जल क्षेत्र और द्वीपसमूह तक तथा इससे परे बीजिंग की क्षेत्रीय विवादों को उकसाने की एक प्रवृत्ति रही है.'

उन्होंने कहा, 'दुनिया को यह धौंस जमाने की कोशिशों को चलने नहीं देना चाहिए.'

पोम्पिओ ने कहा कि चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के इस तरह के बढ़ते प्रयासों का दुनिया को मिलकर जवाब देना होगा.

उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है.'

चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों से घिरा है. दोनों ही क्षेत्र खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की विपुल संपदा वाले हैं.

पढ़ें : सैन्य मुख्यालय से पीएमओ तक, चीनी राजदूत की है नेपाल में मजबूत पकड़

चीन लगभग सारे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है. इस क्षेत्र को लेकर वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान के इसके विपरीत दावे हैं.

पोम्पिओ ने कहा, 'पिछले प्रशासनों के कार्यकाल में अमेरिका ने यह नहीं किया. हम इस पर उचित तरीके से जवाब देंगे. हमने चीनी नेतृत्व को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि हम इस बारे में गंभीर हैं. जब मैं हम कहता हूं तो इसका मतलब केवल अमेरिका नहीं है. हम बहुत जल्द अपने मित्र देशों के साथ इस बारे में संवाद शुरू करेंगे कि हम चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी से मिल रही इस चुनौती का मिलकर किस तरह जवाब दे सकते हैं.'

उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के संदर्भ में कहा कि चीन के वुहान से वायरस फैलने के साथ दुनिया ने चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की असलियत देख ली.

वॉशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीन की अत्यंत आक्रामक गतिविधियों का भारतीयों ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि चीन की क्षेत्रीय विवादों को उकसाने की प्रवृत्ति रही है और दुनिया को यह धौंस चलने नहीं देनी चाहिए.

पोम्पिओ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस (चीन की आक्रामक गतिविधियों) बारे में कई बार बात की है. चीन वालों ने अत्यंत आक्रामक गतिविधियां संचालित की हैं. भारतीयों ने उनका जवाब भी सर्वश्रेष्ठ तरीके से दिया है.'

पोम्पिओ पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्रों में चीन की घुसपैठ के संबंध में सवालों का जवाब दे रहे थे.

पढ़ें : चीन पर भड़के पोम्पिओ, कहा- अमेरिका को अपनाने होंगे नए रास्ते

भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी तथा गोग्रा हॉट स्प्रिंग समेत पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में आठ सप्ताह से गतिरोध बना हुआ है. पिछले महीने हालात उस समय और बिगड़ गये जब हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए.

चीन की सेना ने सोमवार को गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू किया. इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को लंबी बातचीत की थी. डोभाल और वांग भारत-चीन सीमा वार्ता पर विशेष प्रतिनिधि भी हैं.

पोम्पिओ ने कहा, 'मैं (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के) महासचिव राष्ट्रपति शी चिनफिंग और क्षेत्र में और वास्तव में तो पूरी दुनिया में उनके व्यवहार के संदर्भ में ये बातें रख रहा हूं.'

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के आक्रामक रुख की विशेष घटना को अलग से देखना संभव है. मेरा मानना है कि आपको इसे व्यापक संदर्भ में देखना होगा.'

पढ़ें : भारत-चीन के बीच विश्वास बहाली के लिए 'पुलबैक' प्रक्रिया आवश्यक

सीसीपी ने हाल ही में ग्लोबल एनवॉयरमेंटल फेसिलिटी की बैठक में भूटान के साथ सीमा विवाद दर्ज कराया था.

पोम्पिओ ने कहा, 'हिमालय की पर्वत शृंखलाओं से लेकर वियतनाम के विशेष जोन में जल क्षेत्र और द्वीपसमूह तक तथा इससे परे बीजिंग की क्षेत्रीय विवादों को उकसाने की एक प्रवृत्ति रही है.'

उन्होंने कहा, 'दुनिया को यह धौंस जमाने की कोशिशों को चलने नहीं देना चाहिए.'

पोम्पिओ ने कहा कि चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के इस तरह के बढ़ते प्रयासों का दुनिया को मिलकर जवाब देना होगा.

उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है.'

चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों से घिरा है. दोनों ही क्षेत्र खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की विपुल संपदा वाले हैं.

पढ़ें : सैन्य मुख्यालय से पीएमओ तक, चीनी राजदूत की है नेपाल में मजबूत पकड़

चीन लगभग सारे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है. इस क्षेत्र को लेकर वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान के इसके विपरीत दावे हैं.

पोम्पिओ ने कहा, 'पिछले प्रशासनों के कार्यकाल में अमेरिका ने यह नहीं किया. हम इस पर उचित तरीके से जवाब देंगे. हमने चीनी नेतृत्व को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि हम इस बारे में गंभीर हैं. जब मैं हम कहता हूं तो इसका मतलब केवल अमेरिका नहीं है. हम बहुत जल्द अपने मित्र देशों के साथ इस बारे में संवाद शुरू करेंगे कि हम चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी से मिल रही इस चुनौती का मिलकर किस तरह जवाब दे सकते हैं.'

उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के संदर्भ में कहा कि चीन के वुहान से वायरस फैलने के साथ दुनिया ने चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की असलियत देख ली.

Last Updated : Jul 9, 2020, 8:28 PM IST
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