न्यूयॉर्क : अमेरिका में भारतीय मूल के एक जाने-माने प्रोफेसर आशीष झा ने सचेत किया है कि इस साल सितंबर तक देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण मरने वालों की संख्या दो लाख तक पहुंच सकती है और कोविड-19 के मामलों में बड़ी गिरावट की उम्मीद करना 'ख्याली पुलाव पकाने' के समान होगा.
हार्वर्ड में 'ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट' के प्रमुख आशीष झा ने बुधवार को सीएनएन से कहा कि वह लोगों को घर में रहने के लिए 'डराने' की कोशिश नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह लोगों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने और जांच की संख्या बढ़ाने एवं संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए बुनियादी ढांचा मजबूत करने की अपील कर रहे हैं.'
झा ने कहा, 'यदि कोई मामलों में बड़ी गिरावट की उम्मीद कर रहा है, तो वह निश्चित ही ख्याली पुलाव पका रहा है. यदि आगामी तीन महीने तक कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना सामने आ रहे नए मामलों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होती तो भी सितंबर तक दो लाख लोगों की मौत होने की आशंका है और यह निश्चित ही भयावह है.'
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झा ने कहा कि उन्होंने गर्मी के मौसम में हालात सुधरने की उम्मीद की थी, लेकिन इसके विपरीत गर्मियों में भी संख्या बढ़ रही है. कोरोना वायरस संक्रमण और इससे हुई मौतों की संख्या के मामले में अमेरिका विश्व में सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है.
'जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी' के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में इस समय करीब 20 लाख लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 1,12,900 लोगों की मौत हो चुकी हैं.