वॉशिंगटन : कोरोना वैक्सीन के विकास और उत्पादन के लिए भारत और अमेरिका की निजी कंपनियां-संस्थाएं मिलकर काम कर रही हैं. दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण दो करोड़ से अधिक हो गया है. अब तक इसकी वजह से दुनिया में 8.17 लाख से अधिक की मौत हो चुकी है.
अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में भारत-अमेरिका के वैज्ञानिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं, जिसमें भविष्य में टीका विकास और वितरण शामिल है.
अमेरिका में 5 मिलियन से अधिक मामलों की पुष्टि की गई है. देश में 170,000 से अधिक मौतें हुई हैं. भारत में कोविड-19 का आंकड़ा मंगलवार को बढ़कर 31,67,323 हो गया, जबकि मृत्यु का आंकड़ा 58,390 हो गया. संधू ने लिखा भारत में सरकारी और निजी क्षेत्र के डॉक्टर एक साथ काम कर रहे हैं और आवश्यक दवाएं संयुक्त राज्य अमेरिका और कुछ 150 देशों तक पहुंच रही है.
भारत-अमेरिका सहयोग महामारी का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है, जिसमें भविष्य के टीका विकास और वितरण भी शामिल हैं, फार्मास्युटिकल क्षेत्र को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वॉल्यूम बना दिया है. फार्मास्युटिकल क्षेत्र भी संयुक्त राज्य अमेरिका में एक महत्वपूर्ण नौकरी निर्माता रहा है, भारतीय कंपनियों ने सुविधाओं को स्थापित करने के लिए अरबों का निवेश किया है.
संधु ने कहा कि भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनियां दुनियाभर में कम लागत में दवाइयां और वैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं, जो महामारी के खिलाफ लड़ाई में बेहतर भूमिका निभा सकता है. उन्होंने आगे कहा वर्तमान अमेरिका स्थित संस्थानों के साथ भारतीय वैक्सीन कंपनियों के बीच कम से कम तीन सहयोग चल रहे हैं. जो ना सिर्फ हमारे लिए फायेदमंद होंगे, बल्कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दुनियाभर की आबादी के काम आएंगे.
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