संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत (Ambassador of India to the UN) टी एस तिरुमूर्ति (T S Tirumurti) ने कहा कि उनके देश ने आतंकवाद से लड़ने और इस संकट पर ध्यान को कमजोर करने के प्रयासों को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद के भीतर और बाहर लगातार इस पर जोर दिया है.
भारत को अगले महीने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत (Islamic State in Iraq and the Levant-ISIL) पर महासचिव की रिपोर्ट से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित करने हैं.
भारत एक अगस्त को संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालेगा. यह सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के तौर पर 2021-22 कार्यकाल के दौरान भारत की पहली अध्यक्षता है. भारत अगले साल दिसंबर में फिर से सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा.
तिरुमूर्ति ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत परिषद के भीतर और बाहर दोनों जगह आतंकवाद से लड़ने पर जोर देता रहा है. हमने आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों को न केवल मजबूत किया है. खासतौर से आतंकवाद के वित्त पोषण के साथ हमने आतंकवाद पर ध्यान को कमजोर करने की कोशिशों को भी रोका है.
अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत समुद्री सुरक्षा, शांति रक्षा और आतंकवाद को रोकने जैसे विषयों पर ध्यान देगा तथा इन मुद्दों पर उच्च स्तरीय कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेगा.
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इस साल की शुरुआत में भारत ने कहा था कि इस्लामिक ISIL पर महासचिव की रिपोर्ट में आईएसआईएल तथा अल कायदा के तहत आने वाले प्रतिबंधित संगठन मसलन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और अन्य पाकिस्तानी आतंकवादी समूह मसलन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) की गतिविधियां भी शामिल होनी चाहिए.
भारतीय राजदूत ने फरवरी में सुरक्षा परिषद के एक सम्मेलन में कहा था कि दुनिया पूरी तरह अवगत है कि ये आतंकवादी समूह पाकिस्तान में पनाहगाहों से आतंकवादी गतिविधियों (terrorist activities) को अंजाम देते हैं जिनमें अफगानिस्तान में हिंसक हमले भी शामिल है जिससे शांति प्रक्रिया बाधित हुई.
आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर हाल के महीनों में भारत की भूमिका पर जोर देते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद रोधी रणनीति पर भारत ने इस रणनीति के अंतिम परिणाम को आकार देने में अत्यधिक सक्रिय भूमिका निभायी.
(पीटीआई-भाषा)