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हांगकांग मानवाधिकार विधेयक अमेरिका की संसद में पारित, चीन ने की निंदा

अमेरिकी संसद में वहां के सांसदों ने लोकतंत्र और मानवाधिकार के समर्थन में लाए गए एक विधेयक को मंजूरी दे दी गई है. इस विधेयक के पारित होने के बाद अमेरिका द्वारा हांगकांग को मिलने पसंदीदा व्यापर दर्जे पर हर साल विचार करना होगा. चीन ने इस विधेयक की कड़ा निंदा की है. पढ़ें विस्तार से

अमेरिका की संसद
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Published : Nov 21, 2019, 12:11 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसदों ने हांगकांग में लोकतंत्र और मानवाधिकार के समर्थन में एक विधेयक को मंजूरी दे दी है. हालांकि इस बिल को अब अमेरिका के राष्ट्रपित के पास हस्ताक्षर करने के लिए भेजा गया है. चीन ने इस विधेयक पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है.

हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने हांगकांग ह्यमून राइट्स एंड डेमोक्रेसी अधिनियम पारित कर दिया है. इस विधेयक के समर्थन में 417 वोट पड़े जबकि विरोध में सिर्फ एक वोट पड़ी.

इस बिल को पास किए जाने को लेकर चीन ने कड़ी निंदा की है और इसपर गहरी नाराजगी जाहिर की है.

इस विधेयक के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति को हांगकांग को मिलने वाले पसंदीदा व्यापर दर्जे पर हर साल विचार करना होगा.

इस विधेयक में यह भी कहा गया है कि अगर हांगकांग में स्वतंत्रता को कुचला जाता है तो उसे अमेरिका की तरफ से जो प्रतिष्ठित दर्जा हासिल है, उसे भी खत्म किया जा सकता है.

इस विधेयक को हस्ताक्षर करने के लिए अब राष्ट्रपति ट्रंप के पास भेजा गया है.

पढ़ें- अमेरिकी सीनेट ने किया सर्वसम्मति से सिखों पर प्रस्ताव पारित

हाउस ने सीनेट की तरफ से एक दिन पहले पारित विधेयक को भी मंजूरी दे दी है. इसके तहत हांगकांग के सुरक्षा बलों को रबर बुलेट, टियर गैस सहित अन्य उपकरणों की आपूर्ति पर भी प्रतिबंध लगाने की सहमति दी गई है.

इस विधेयक को लेकर बीजिंग ने बुधवार को गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि अगर यह विधेयक कानून बना तो अमेरिका को ‘प्रतिवादी कदमों’ का सामना करना पड़ सकता है.

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसदों ने हांगकांग में लोकतंत्र और मानवाधिकार के समर्थन में एक विधेयक को मंजूरी दे दी है. हालांकि इस बिल को अब अमेरिका के राष्ट्रपित के पास हस्ताक्षर करने के लिए भेजा गया है. चीन ने इस विधेयक पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है.

हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने हांगकांग ह्यमून राइट्स एंड डेमोक्रेसी अधिनियम पारित कर दिया है. इस विधेयक के समर्थन में 417 वोट पड़े जबकि विरोध में सिर्फ एक वोट पड़ी.

इस बिल को पास किए जाने को लेकर चीन ने कड़ी निंदा की है और इसपर गहरी नाराजगी जाहिर की है.

इस विधेयक के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति को हांगकांग को मिलने वाले पसंदीदा व्यापर दर्जे पर हर साल विचार करना होगा.

इस विधेयक में यह भी कहा गया है कि अगर हांगकांग में स्वतंत्रता को कुचला जाता है तो उसे अमेरिका की तरफ से जो प्रतिष्ठित दर्जा हासिल है, उसे भी खत्म किया जा सकता है.

इस विधेयक को हस्ताक्षर करने के लिए अब राष्ट्रपति ट्रंप के पास भेजा गया है.

पढ़ें- अमेरिकी सीनेट ने किया सर्वसम्मति से सिखों पर प्रस्ताव पारित

हाउस ने सीनेट की तरफ से एक दिन पहले पारित विधेयक को भी मंजूरी दे दी है. इसके तहत हांगकांग के सुरक्षा बलों को रबर बुलेट, टियर गैस सहित अन्य उपकरणों की आपूर्ति पर भी प्रतिबंध लगाने की सहमति दी गई है.

इस विधेयक को लेकर बीजिंग ने बुधवार को गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि अगर यह विधेयक कानून बना तो अमेरिका को ‘प्रतिवादी कदमों’ का सामना करना पड़ सकता है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 9:53 HRS IST




             
  • हांगकांग मानवाधिकार विधेयक अमेरिका की संसद में पारित, हस्ताक्षर के लिए ट्रंप के पास गया



वाशिंगटन, 21 नवंबर (एएफपी) अमेरिकी सांसदों ने हांगकांग में लोकतंत्र और मानवाधिकार के समर्थन में एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। चीन ने इस विधेयक पर कड़ी आपत्ति की है।



हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने हांगकांग ह्यमून राइट्स एंड डेमोक्रेसी अधिनियम पारित कर दिया। इस विधेयक के समर्थन में 417 वोट पड़े जबकि विरोध में सिर्फ एक। बीजिंग ने इसपर गहरी नाराजगी जाहिर की है।



इस विधेयक के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति को हांगकांग को मिलने वाले पसंदीदा व्यायापर दर्जे पर हर साल विचार करना होगा। इसके अलावा इस विधेयक में यह भी कहा गया है कि अगर हांगकांग में स्वतंत्रता को कुचला जाता है तो उसे अमेरिका की तरफ से जो प्रतिष्ठित दर्जा हासिल है, उसे भी खत्म किया जा सकता है।



इस विधेयक को अब राष्ट्रपति ट्रंप के पास भेजा गया है। हाउस ने सीनेट की तरफ से एक दिन पहले पारित विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत हांगकांग के सुरक्षा बलों को रबर बुलेट, टियर गैस सहित अन्य उपकरणों की आपूर्ति पर भी प्रतिबंध लगाने की सहमति दी गई है।



इस विधेयक को लेकर बीजिंग ने बुधवार को गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि अगर यह विधेयक कानून बना तो अमेरिका को ‘प्रतिवादी कदमों’ का सामना करना पड़ सकता है।


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