ETV Bharat / international

भारतीय अमेरिकी स्वास्थ्यकर्मियों ने ग्रीन कार्ड के मुद्दे पर प्रदर्शन किया - healthcare workers hold protest at US Capitol

भारतीय अमेरिकी अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों ने अमेरिकी कैपटिल (संसद भवन) के सामने वैध स्थायी निवास के लिए प्रति देश कोटा को खत्म करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया.

ग्रीन कार्ड के मुद्दे पर प्रदर्शन किया
ग्रीन कार्ड के मुद्दे पर प्रदर्शन किया
author img

By

Published : Apr 13, 2021, 2:24 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में वैध स्थायी निवास के लिए प्रति देश कोटा को खत्म करने की मांग को लेकर भारतीय मूल के अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों ने कैपिटल (संसद भवन) में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.

ग्रीन कार्ड को आधिकारिक रूप से स्थायी निवास कार्ड कहा जाता है. यह दस्तावेज अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को जारी किया जाता है, जो इस बात का सबूत है कि कार्ड धारक को देश में स्थायी रूप से रहने का अधिकार है.

भारतीय-अमेरिकी चिकित्सकों ने सोमवार को संयुक्त बयान जारी कर कहा कि ग्रीन कार्ड देने के लंबित मामले निपटने की वर्तमान व्यवस्था से उन्हें ग्रीन कार्ड पाने में 150 से अधिक वर्ष लग जाएंगे. नियम के तहत किसी भी देश के सात प्रतिशत से अधिक लोगों को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड देने की अनुमति नहीं है.

उन्होंने कहा, भारत की आबादी करोड़ों में हैं लेकिन इसके लोगों को ग्रीन कार्ड दिए जाने की संख्या आईसलैंड की आबादी के बराबर है. एच-1बी वीजा पर कोई सीमा नहीं है और यहां एच-1बी वीजा पर काम करने के लिए आने वालों में 50 प्रतिशत भारतीय है. एच-1बी और ग्रीन कार्ड के बीच विसंगति से प्रमाणपत्र पाने वालों की कतार लंबी होती जा रही है और इसका हमारे पेशेवर और निजी जीवन पर असर पड़ रहा है. भारतीय आईटी पेशेवर इससे सबसे अधिक प्रभावित हैं.

उन्होंने सांसद जो लोफग्रेन से इस संबंध में एक द्विदलीय प्रस्ताव पेश करने की अपील की जिससे कि दक्ष पेशेवरों की परेशानी का हल हो. बाल एवं किशोर मनोचिकित्सक डॉ. नमिता धीमान ने कहा, ग्रीन कार्ड के लिए लंबे इंतजार से अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों एवं उनके परिवारों पर असर पड़ा है. वे दहशत और डर में जी रहे हैं.

उन्होंने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति को यूएससीआईएस (यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) को इजाजत देकर पिछले कई वर्षों से शेष बच रहे ग्रीन कार्ड को उन अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जारी करना चाहिए जो लंबे समय से इसके इंतजार में हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से और अधिक बुरा प्रभाव पड़ा है.

वॉशिंगटन : अमेरिका में वैध स्थायी निवास के लिए प्रति देश कोटा को खत्म करने की मांग को लेकर भारतीय मूल के अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों ने कैपिटल (संसद भवन) में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.

ग्रीन कार्ड को आधिकारिक रूप से स्थायी निवास कार्ड कहा जाता है. यह दस्तावेज अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को जारी किया जाता है, जो इस बात का सबूत है कि कार्ड धारक को देश में स्थायी रूप से रहने का अधिकार है.

भारतीय-अमेरिकी चिकित्सकों ने सोमवार को संयुक्त बयान जारी कर कहा कि ग्रीन कार्ड देने के लंबित मामले निपटने की वर्तमान व्यवस्था से उन्हें ग्रीन कार्ड पाने में 150 से अधिक वर्ष लग जाएंगे. नियम के तहत किसी भी देश के सात प्रतिशत से अधिक लोगों को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड देने की अनुमति नहीं है.

उन्होंने कहा, भारत की आबादी करोड़ों में हैं लेकिन इसके लोगों को ग्रीन कार्ड दिए जाने की संख्या आईसलैंड की आबादी के बराबर है. एच-1बी वीजा पर कोई सीमा नहीं है और यहां एच-1बी वीजा पर काम करने के लिए आने वालों में 50 प्रतिशत भारतीय है. एच-1बी और ग्रीन कार्ड के बीच विसंगति से प्रमाणपत्र पाने वालों की कतार लंबी होती जा रही है और इसका हमारे पेशेवर और निजी जीवन पर असर पड़ रहा है. भारतीय आईटी पेशेवर इससे सबसे अधिक प्रभावित हैं.

उन्होंने सांसद जो लोफग्रेन से इस संबंध में एक द्विदलीय प्रस्ताव पेश करने की अपील की जिससे कि दक्ष पेशेवरों की परेशानी का हल हो. बाल एवं किशोर मनोचिकित्सक डॉ. नमिता धीमान ने कहा, ग्रीन कार्ड के लिए लंबे इंतजार से अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों एवं उनके परिवारों पर असर पड़ा है. वे दहशत और डर में जी रहे हैं.

उन्होंने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति को यूएससीआईएस (यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) को इजाजत देकर पिछले कई वर्षों से शेष बच रहे ग्रीन कार्ड को उन अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जारी करना चाहिए जो लंबे समय से इसके इंतजार में हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से और अधिक बुरा प्रभाव पड़ा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.