वॉशिंगटन : जी-20 देशों के वित्त मंत्री बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कर से बचने की चाल पर रोक लगाने के उपायों पर समझौते के लिए जोर देंगे. हाल में अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन प्रस्तावों का समर्थन किया था. बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर वैश्विक कर के प्रस्तावित पैकेज को शुक्रवार और शनिवार को वेनिस में होने वाली जी-20 की बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद है. पर इन प्रस्तावों को अमेरिकी कांग्रेस में बाधा का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी ने इसका विरोध करने की घोषणा की है.
बाइडेन के कम-से-कम 15 प्रतिशत की दर से वैश्विक कॉरपोरेट कर लगाने के प्रस्ताव के बाद यह समझौता सामने आया है कि अमेरिकी प्रस्ताव से इस मामले में बातचीत में तेजी आई है. गत एक जुलाई को आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) द्वारा आयोजित चर्चाओं में 131 देशों ने इस समझौते को मंजूरी दे दी.
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इन देशों ने वैश्विक कर नियमों में आमूलचूल बदलाव की सहमति दी है. इसके तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उन देशों में कर देना होगा, जहां वे परिचालन कर रही हैं. कर की न्यूनतम दर 15 प्रतिशत होगी. समझौते का लक्ष्य जटिल लेखांकन विधिकयों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करना है. ताकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कर की कम दर रखने वाले देशों में मुनाफे को स्थानांतरित करके कर देनदारी से बचने के प्रति हतोत्साहित किया जा सके.
जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में इस समझौते का समर्थन किए जाने की उम्मीद है क्योंकि सभी 20 सदस्य देश वैश्विक अर्थव्यवस्था में 80 प्रतिशत से ज्यादा का प्रतिनिधित्व करते हैं.
(पीटीआई-भाषा)