ह्यूस्टन : अमेरिका में मारे गए 46 वर्षीय अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड के पार्थिव शरीर को आखिरी दर्शन के लिए उनके गृह नगर ह्यूस्टन में रखा जाएगा. बता दें ह्यूस्टन मेयर सिल्वेस्टर टर्नर ने शनिवार को अंतिम संस्कार को लेकर घोषणा की थी. हालांकि समय के बारे में उन्होंने कोई विवरण नहीं दिया.
मेयर का बयान ऐसे समय में आया, जब पुलिस ने रंगभेद का विरोध कर रहे कई प्रदर्शनकारियों को अपनी गिरफ्त में लिया.
टर्नर ने कहा, 'यह हमारा घर है. यह वही शहर है, जहां जॉर्ज फ्लॉयड बड़े हुए. उनका शरीर इस शहर में वापस आएगा.'
कई इलाकों में लगा कर्फ्यू
अमेरिका ने हिंसाजनक स्थिति को देखते हुए कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है. इसके साथ ही लोगों को मियामी, पोर्टलैंड, लुइसविले, अटलांटा, डेनवर, लॉस एंजलिस, सिएटल और मिनियापोलिस की सड़कों से दूर रहने के लिए कहा गया, जहां कर्फ्यू का उल्लंघन कर लोग हजारों की संख्या में जमा हुए थे.
सोशल डिस्टेंसिंग बना चिंता का सबब
प्रदर्शनों से प्रभावित अटलांटा शहर की मेयर ने प्रदर्शनकारियों को आगाह किया कि अगर आप बीती रात प्रदर्शन कर रहे थे तो आपको कोरोना की जांच कराने की जरूरत है.
इतनी बड़ी संख्या में बिना मास्क पहने लोगों का इकट्ठा होना विशेषज्ञों के लिए चिंता का सबब बन गया है. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के फिर से फैलने की चिंता लगातार बनी हुई है.
फोर्ट बेंड मेमोरियल प्लानिंग सेंटर के अधिकारियों ने कहा कि अंतिम संस्कार की व्यवस्था अब भी की जा रही है.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने 25 मई को 46 वर्षीय फ्लॉयड को उनकी गर्दन पर घुटना रखकर पकड़ा. इस दौरान वह बार-बार निवेदन कर कहते रहे, 'मैं सांस नहीं ले सकता..प्लीज, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं. मुझे छोड़ें.'
हालांकि, बाद में पुलिस अधिकारी को थर्ड डिग्री देने और हत्या के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था.