संयुक्त राष्ट्र: भारत ने तत्काल प्रभाव से लीबिया में रह रहे अपने नागरिकों को देश छोड़ने को कहा है. विदेश मंत्रालय ने यह सूचना जारी की है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि लीबिया में राजनीतिक हालात बद से बदतर हो रहे हैं, लिहाजा भारतीय नागरिक तुरंत वहां से निकल जाएं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लीबिया में संघर्ष विराम की मांग करने के ब्रिटेन के प्रयास का रूस और अमेरिका ने विरोध किया है, जिससे त्रिपोली में रक्तपात को रोकने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव लाये जाने की संभावनाओं को लेकर संदेह उठ गया है. राजनयिकों ने यह जानकारी दी.
खलीफा हफ्तार के प्रति वफादार बलों ने त्रिपोली पर कब्जा करने के लिए चार अप्रैल को हमला शुरू किया. इस कदम ने इस उत्तरी अफ्रीकी देश में उथल-पुथल मचा दी है. इस घटना के बाद ब्रिटेन ने लीबिया में संघर्षविराम के लिए सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव लाने की बात रखी. राजनयिकों ने कहा कि रूस ने गुरुवार को परिषद की बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान फिर से जोर दिया कि मसौदा प्रस्ताव में हफ्तार की आलोचना करते हुए कोई संदर्भ नहीं हों, जबकि अमेरिका ने अपने विकल्पों पर विचार करने के लिए और समय मांगा है. त्रिपोली में संघर्ष बढ़ने के साथ ही विश्व शक्तियों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद गहरा गया है.
लीबिया में चल रहे संघर्ष में मरने वालों की संख्या 200 से अधिक पहुंच गई है, और 25,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. जर्मन राजदूत क्रिस्टोफ ह्युजेन ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'हम इसे लेकर एक प्रस्ताव लाना चाहते हैं.' ब्रितानी राजदूत कैरेन पियर्स ने कहा कि आम सहमति तक पहुंचने के प्रयास अगले सप्ताह भी जारी रहेंगे. संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों ने हालांकि इस बात पर संदेह जताया कि परिषद में इस प्रस्ताव के पाठ पर सहमति बनेगी या नहीं.