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संघीय अदालत ने टीका अनिवार्यता पर रोक हटाने से इनकार किया

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Published : Nov 13, 2021, 12:48 PM IST

न्याय और श्रम विभागों के वकीलों ने सोमवार को एक जवाब दाखिल की जिसमें उन्होंने कहा कि टीका अनिवार्यता को प्रभावी होने से रोकना केवल कोविड-19 महामारी को लंबा खींचेगा और 'प्रति दिन दर्जनों या सैकड़ों लोगों की जान लेगा, लेकिन अपीलीय अदालत ने इस दलील को शुक्रवार को खारिज कर दिया.

संघीय अदालत ने टीका अनिवार्यता पर रोक हटाने से इनकार किया
संघीय अदालत ने टीका अनिवार्यता पर रोक हटाने से इनकार किया

वाशिंगटन: एक संघीय अदालत ने शुक्रवार को 100 या अधिक कर्मचारियों वाले व्यवसायों के लिए बाइडन प्रशासन द्वारा लागू टीका अनिवार्यता संबंधी नियम पर रोक हटाने से इनकार कर दिया. न्यू ऑरलियन्स स्थित पांचवीं 'यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स' ने संघीय व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन (ओएसएचए) द्वारा पारित अनिवार्यता आदेश पर पिछले शनिवार को एक आपातकालीन रोक लगा दी थी जिसमें ऐसे कर्मचारियों को चार जनवरी तक टीका लगाए जाने को या मास्क आवश्यकताओं और साप्ताहिक जांचों को जरूरी बनाया गया था.

न्याय और श्रम विभागों के वकीलों ने सोमवार को एक जवाब दाखिल की जिसमें उन्होंने कहा कि टीका अनिवार्यता को प्रभावी होने से रोकना केवल कोविड-19 महामारी को लंबा खींचेगा और 'प्रति दिन दर्जनों या सैकड़ों लोगों की जान लेगा, लेकिन अपीलीय अदालत ने इस दलील को शुक्रवार को खारिज कर दिया. न्यायाधीश कर्ट डी इंजलहार्ड्ट ने आदेश दिया कि यह रोक पूरी तरह जनहित में है.

इंजलहार्ड्ट ने कहा, आर्थिक अनिश्चितता से लेकर कार्यस्थल संघर्ष तक, अनिवार्यता आदेश के नाम मात्र ने हाल के महीनों में अनकही आर्थिक उथल-पुथल मचा दी है.

ओएसएचओ द्वारा चार नवंबर को अपने नियम जारी करने के बाद कम से कम 27 राज्यों ने छह संघीय अपील अदालतों में इसके खिलाफ वाद दायर किया है.

पीटीआई-भाषा

वाशिंगटन: एक संघीय अदालत ने शुक्रवार को 100 या अधिक कर्मचारियों वाले व्यवसायों के लिए बाइडन प्रशासन द्वारा लागू टीका अनिवार्यता संबंधी नियम पर रोक हटाने से इनकार कर दिया. न्यू ऑरलियन्स स्थित पांचवीं 'यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स' ने संघीय व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन (ओएसएचए) द्वारा पारित अनिवार्यता आदेश पर पिछले शनिवार को एक आपातकालीन रोक लगा दी थी जिसमें ऐसे कर्मचारियों को चार जनवरी तक टीका लगाए जाने को या मास्क आवश्यकताओं और साप्ताहिक जांचों को जरूरी बनाया गया था.

न्याय और श्रम विभागों के वकीलों ने सोमवार को एक जवाब दाखिल की जिसमें उन्होंने कहा कि टीका अनिवार्यता को प्रभावी होने से रोकना केवल कोविड-19 महामारी को लंबा खींचेगा और 'प्रति दिन दर्जनों या सैकड़ों लोगों की जान लेगा, लेकिन अपीलीय अदालत ने इस दलील को शुक्रवार को खारिज कर दिया. न्यायाधीश कर्ट डी इंजलहार्ड्ट ने आदेश दिया कि यह रोक पूरी तरह जनहित में है.

इंजलहार्ड्ट ने कहा, आर्थिक अनिश्चितता से लेकर कार्यस्थल संघर्ष तक, अनिवार्यता आदेश के नाम मात्र ने हाल के महीनों में अनकही आर्थिक उथल-पुथल मचा दी है.

ओएसएचओ द्वारा चार नवंबर को अपने नियम जारी करने के बाद कम से कम 27 राज्यों ने छह संघीय अपील अदालतों में इसके खिलाफ वाद दायर किया है.

पीटीआई-भाषा

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