ETV Bharat / international

ट्रंप ने उठाया जलवायु परिवर्तन का मुद्दा, बाइडन पर साधा निशाना

राष्ट्रपति पद से हटने के बाद अपने पहले भाषण में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाते हुए जो बाइडन प्रशासन को आड़े हाथ लिया.

climate change issue
ट्रंप ने जो बाइडन सरकार को लिया आड़े हाथ
author img

By

Published : Mar 1, 2021, 7:04 PM IST

वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले सार्वजनिक भाषण में जलवायु का मुद्दा उठाया तथा 'बेहद भेदभावपूर्ण' पेरिस समझौते से फिर से जुड़ने को लेकर अपने उत्तराधिकारी जो बाइडन की आलोचना की. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका पहले से ही स्वच्छ है, लेकिन चीन, रूस और भारत स्वच्छ नहीं है तो ऐसे में इससे जुड़ने का क्या फायदा है.

फ्लोरिडा के ओरलैंडो में कंजरवेटिव राजनीतिक कार्रवाई समिति में अपने संबोधन में 74वर्षीय नेता ने बिना बेहतर सौदा किये पूर्ण रूप से भेदभावकारी एवं महंगे पेरिस समझौते में अमेरिका को वापस लाने को लेकर बाडइन प्रशासन को खूब खरी खोटी सुनाई. उन्होंने 20 जनवरी को व्हाइट हाउस छोड़ा था.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि सर्वप्रथम, चीन ने दस सालों में कोई कदम नहीं उठाया, रूस पुराने मापदंड पर चलता है जो स्वच्छ नहीं है, लेकिन हम शुरू से ही इसकी चपेट में आ गए जब हमें हजारों एवं लाखों नौकरियां गंवानी पड़ी, यह त्रासदी थी, लेकिन वे पीछे चले गये.

ट्रंप ने अपने समर्थकों की वाहवाही के बीच कहा कि हमारे पास सबसे स्वच्छ हवा एवं पानी है लेकिन उसका तब क्या लाभ है जब हम तो स्वच्छ हैं, लेकिन चीन नहीं है, रूस नहीं है और भारत स्वच्छ नहीं है, वे धुंआ छोड़ रहे हैं. आप जानते हैं कि हमारी दुनिया ब्रह्मांड का एक छोटा टुकड़ा है और हम हर चीज बचाने का प्रयास कर रहे हैं.

पढ़ें: बाइडेन प्रशासन रोजगार विरोधी, विज्ञान विरोधी है : डोनाल्ड ट्रंप

19 फरवरी को अमेरिका ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते में आधिकारिक रूप से लौट आया था. उससे 107 दिन पहले वह तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर इससे अलग हो गया था.

वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले सार्वजनिक भाषण में जलवायु का मुद्दा उठाया तथा 'बेहद भेदभावपूर्ण' पेरिस समझौते से फिर से जुड़ने को लेकर अपने उत्तराधिकारी जो बाइडन की आलोचना की. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका पहले से ही स्वच्छ है, लेकिन चीन, रूस और भारत स्वच्छ नहीं है तो ऐसे में इससे जुड़ने का क्या फायदा है.

फ्लोरिडा के ओरलैंडो में कंजरवेटिव राजनीतिक कार्रवाई समिति में अपने संबोधन में 74वर्षीय नेता ने बिना बेहतर सौदा किये पूर्ण रूप से भेदभावकारी एवं महंगे पेरिस समझौते में अमेरिका को वापस लाने को लेकर बाडइन प्रशासन को खूब खरी खोटी सुनाई. उन्होंने 20 जनवरी को व्हाइट हाउस छोड़ा था.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि सर्वप्रथम, चीन ने दस सालों में कोई कदम नहीं उठाया, रूस पुराने मापदंड पर चलता है जो स्वच्छ नहीं है, लेकिन हम शुरू से ही इसकी चपेट में आ गए जब हमें हजारों एवं लाखों नौकरियां गंवानी पड़ी, यह त्रासदी थी, लेकिन वे पीछे चले गये.

ट्रंप ने अपने समर्थकों की वाहवाही के बीच कहा कि हमारे पास सबसे स्वच्छ हवा एवं पानी है लेकिन उसका तब क्या लाभ है जब हम तो स्वच्छ हैं, लेकिन चीन नहीं है, रूस नहीं है और भारत स्वच्छ नहीं है, वे धुंआ छोड़ रहे हैं. आप जानते हैं कि हमारी दुनिया ब्रह्मांड का एक छोटा टुकड़ा है और हम हर चीज बचाने का प्रयास कर रहे हैं.

पढ़ें: बाइडेन प्रशासन रोजगार विरोधी, विज्ञान विरोधी है : डोनाल्ड ट्रंप

19 फरवरी को अमेरिका ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते में आधिकारिक रूप से लौट आया था. उससे 107 दिन पहले वह तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर इससे अलग हो गया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.