कंसास सिटी (अमेरिका) : गलत फैसले से 43 साल जेल की सजा काटने के बाद मुक्त हुए व्यक्ति के लिए चंदे की बरसात हो गई है. केविन स्ट्रिकलैंड की रिहाई के लिए मिडवेस्ट इनोसेंस प्रोजेक्ट ने अभियान चलाया और चंदा इकट्ठा करने के लिए गोफंडमी की स्थापना की ताकि मिसौरी से मुआवजा नहीं मिलने की स्थिति में उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने में मदद मिल सके.
राज्य गलत फैसले की वजह से कारावास की सजा भुगतने वाले केवल उन्हीं लोगों को भुगतान की अनुमति देता है जिन्हें डीएनए साक्ष्य के माध्यम से दोषमुक्त किया गया हो, इसलिए 62 वर्षीय स्ट्रिकलैंड इसके योग्य नहीं होंगे.
मिसौरी की अपीलीय अदालत के न्यायाधीश ने मंगलवार को उनकी रिहाई का आदेश दिया, जिसमें पाया गया कि स्ट्रिकलैंड को दोषी ठहराने के लिए इस्तेमाल किए गए सबूतों को नकार दिया गया था. स्ट्रिकलैंड की मदद के लिए शनिवार शाम तक 14.5 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक का चंदा जुटाया गया था.
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स्ट्रिकलैंड ने हमेशा कहा कि वह घर पर टीवी देख रहे थे और उनका 1978 में हुई उन हत्याओं से कोई लेना-देना नहीं था. घटना के वक्त वह 18 साल के थे. जेल से छूटने पर उन्होंने कहा कि वह ईश्वर के शुक्रगुजार हैं.
(पीटीआई-भाषा)