ETV Bharat / international

गलत फैसले से 43 साल जेल की सजा काटने के बाद मुक्त हुए व्यक्ति के लिए चंदे की बरसात - न्यायाधीश ने उसकी सजा को पलट दिया

तिहरे हत्याकांड में दोषी (Convicted in triple murder in America) ठहराए गए और 43 साल जेल में बिताने वाले एक व्यक्ति के लिए 14 लाख से अधिक डॉलर की राशि जुटाई गई है. दरअसल व्यक्ति को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था और हाल ही में न्यायाधीश ने उसकी सजा को पलट दिया (The judge overturned his sentence) था.

Jail (file photo)
जेल (फाइल फोटो)
author img

By

Published : Nov 28, 2021, 4:37 PM IST

कंसास सिटी (अमेरिका) : गलत फैसले से 43 साल जेल की सजा काटने के बाद मुक्त हुए व्यक्ति के लिए चंदे की बरसात हो गई है. केविन स्ट्रिकलैंड की रिहाई के लिए मिडवेस्ट इनोसेंस प्रोजेक्ट ने अभियान चलाया और चंदा इकट्ठा करने के लिए गोफंडमी की स्थापना की ताकि मिसौरी से मुआवजा नहीं मिलने की स्थिति में उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने में मदद मिल सके.

राज्य गलत फैसले की वजह से कारावास की सजा भुगतने वाले केवल उन्हीं लोगों को भुगतान की अनुमति देता है जिन्हें डीएनए साक्ष्य के माध्यम से दोषमुक्त किया गया हो, इसलिए 62 वर्षीय स्ट्रिकलैंड इसके योग्य नहीं होंगे.

मिसौरी की अपीलीय अदालत के न्यायाधीश ने मंगलवार को उनकी रिहाई का आदेश दिया, जिसमें पाया गया कि स्ट्रिकलैंड को दोषी ठहराने के लिए इस्तेमाल किए गए सबूतों को नकार दिया गया था. स्ट्रिकलैंड की मदद के लिए शनिवार शाम तक 14.5 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक का चंदा जुटाया गया था.

यह भी पढ़ें- इजराइल ने कोविड-19 वायरस के नए स्वरूप के चलते यात्रा प्रतिबंधों को और कड़ा किया

स्ट्रिकलैंड ने हमेशा कहा कि वह घर पर टीवी देख रहे थे और उनका 1978 में हुई उन हत्याओं से कोई लेना-देना नहीं था. घटना के वक्त वह 18 साल के थे. जेल से छूटने पर उन्होंने कहा कि वह ईश्वर के शुक्रगुजार हैं.

(पीटीआई-भाषा)

कंसास सिटी (अमेरिका) : गलत फैसले से 43 साल जेल की सजा काटने के बाद मुक्त हुए व्यक्ति के लिए चंदे की बरसात हो गई है. केविन स्ट्रिकलैंड की रिहाई के लिए मिडवेस्ट इनोसेंस प्रोजेक्ट ने अभियान चलाया और चंदा इकट्ठा करने के लिए गोफंडमी की स्थापना की ताकि मिसौरी से मुआवजा नहीं मिलने की स्थिति में उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने में मदद मिल सके.

राज्य गलत फैसले की वजह से कारावास की सजा भुगतने वाले केवल उन्हीं लोगों को भुगतान की अनुमति देता है जिन्हें डीएनए साक्ष्य के माध्यम से दोषमुक्त किया गया हो, इसलिए 62 वर्षीय स्ट्रिकलैंड इसके योग्य नहीं होंगे.

मिसौरी की अपीलीय अदालत के न्यायाधीश ने मंगलवार को उनकी रिहाई का आदेश दिया, जिसमें पाया गया कि स्ट्रिकलैंड को दोषी ठहराने के लिए इस्तेमाल किए गए सबूतों को नकार दिया गया था. स्ट्रिकलैंड की मदद के लिए शनिवार शाम तक 14.5 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक का चंदा जुटाया गया था.

यह भी पढ़ें- इजराइल ने कोविड-19 वायरस के नए स्वरूप के चलते यात्रा प्रतिबंधों को और कड़ा किया

स्ट्रिकलैंड ने हमेशा कहा कि वह घर पर टीवी देख रहे थे और उनका 1978 में हुई उन हत्याओं से कोई लेना-देना नहीं था. घटना के वक्त वह 18 साल के थे. जेल से छूटने पर उन्होंने कहा कि वह ईश्वर के शुक्रगुजार हैं.

(पीटीआई-भाषा)

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.