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कार्बन उत्सर्जन पर बड़े देशों को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने चेताया

एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि ज्यादा उत्सर्जन कर रहे देशों को समझाने के लिए वह सरकारों और नागरिक संगठनों के साथ लगातार बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बड़े देशों द्वारा 2050 तक कार्बन उत्सर्जन में कटौती और 2030 तक उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कटौती को लेकर प्रतिबद्धता दिखाना जरूरी है.

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस
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Published : Sep 10, 2020, 10:08 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने जोर दिया है कि अमेरिका, चीन और भारत जैसे देशों के लिए कार्बन तथा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन घटाना बहुत जरूरी है. उन्होंने आगाह किया कि विश्व में प्रदूषण फैलाने वाले बड़े देशों द्वारा कार्रवाई के लिए ठोस कदम उठाए बिना जलवायु परिवर्तन की दिशा में कोई भी कदम नाकाफी होगा.

उत्सर्जन फैलाने वाले बड़े देश क्या कर रहे हैं ?

महासचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों को कम करना है और तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है तो देरी करने का कोई औचित्य नहीं है. गुतारेस ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह ध्यान देना जरूरी है कि 120 देशों ने 2050 तक कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया है और इसे लागू करने के लिए योजना बना रहे हैं. इसलिए बड़ा सवाल है कि उत्सर्जन फैलाने वाले बड़े देश क्या कर रहे हैं ?

चीन सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर रहा

अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ, जापान, रूस, भारत सबसे ज्यादा उत्सर्जन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादा उत्सर्जन करने वाले देशों द्वारा कदम उठाए बिना कोई भी प्रयास साकार नहीं होगा. गुतारेस ने कहा कि ज्यादा उत्सर्जन कर रहे देशों को समझाने के लिए वह सरकारों और नागरिक संगठनों के साथ लगातार बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बड़े देशों द्वारा 2050 तक कार्बन उत्सर्जन में कटौती और 2030 तक उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कटौती को लेकर प्रतिबद्धता दिखाना जरूरी है. दुनिया में चीन सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर रहा है. इसके बाद अमेरिका, भारत और यूरोपीय संघ हैं. पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों के उत्सर्जन के मामले में अमेरिका के अग्रणी होने के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 के पेरिस पर्यावरण समझौते से अपने देश के बाहर होने की घोषणा कर दी.

पढ़ें-सेना के शूरवीरों ने फिंगर-4 की ऊंची चोटियों पर जमाया कब्जा

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने जोर दिया है कि अमेरिका, चीन और भारत जैसे देशों के लिए कार्बन तथा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन घटाना बहुत जरूरी है. उन्होंने आगाह किया कि विश्व में प्रदूषण फैलाने वाले बड़े देशों द्वारा कार्रवाई के लिए ठोस कदम उठाए बिना जलवायु परिवर्तन की दिशा में कोई भी कदम नाकाफी होगा.

उत्सर्जन फैलाने वाले बड़े देश क्या कर रहे हैं ?

महासचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों को कम करना है और तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है तो देरी करने का कोई औचित्य नहीं है. गुतारेस ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह ध्यान देना जरूरी है कि 120 देशों ने 2050 तक कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया है और इसे लागू करने के लिए योजना बना रहे हैं. इसलिए बड़ा सवाल है कि उत्सर्जन फैलाने वाले बड़े देश क्या कर रहे हैं ?

चीन सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर रहा

अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ, जापान, रूस, भारत सबसे ज्यादा उत्सर्जन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादा उत्सर्जन करने वाले देशों द्वारा कदम उठाए बिना कोई भी प्रयास साकार नहीं होगा. गुतारेस ने कहा कि ज्यादा उत्सर्जन कर रहे देशों को समझाने के लिए वह सरकारों और नागरिक संगठनों के साथ लगातार बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बड़े देशों द्वारा 2050 तक कार्बन उत्सर्जन में कटौती और 2030 तक उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कटौती को लेकर प्रतिबद्धता दिखाना जरूरी है. दुनिया में चीन सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर रहा है. इसके बाद अमेरिका, भारत और यूरोपीय संघ हैं. पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों के उत्सर्जन के मामले में अमेरिका के अग्रणी होने के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 के पेरिस पर्यावरण समझौते से अपने देश के बाहर होने की घोषणा कर दी.

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