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अफगानिस्तान से US आर्मी की वापसी रहेगी जारी, बाइडेन बोले- उन्हें खुद अपनी लड़ाई लड़नी होगी - अफगानिस्तान से US आर्मी की वापसी

बाइडन ने कहा कि हम अपने वादे पूरे करेंगे जैसे कि हवाई क्षेत्र में मदद देना, यह देखना कि उनकी वायुसेना ठीक से काम करने में सक्षम हो, उनके बलों को भोजन और उपकरणों की आपूर्ति और उनके सभी वेतनों का भुगतान आदि, लेकिन उन्हें लड़ना होगा.

बाइडेन बोले- उन्हें खुद अपनी लड़ाई लड़नी होगी
बाइडेन बोले- उन्हें खुद अपनी लड़ाई लड़नी होगी
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Published : Aug 11, 2021, 9:20 AM IST

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम में किसी भी तरह के परिवर्तन की संभावना से इनकार किया है. बाइडन ने 11 सितंबर तक युद्धग्रस्त देश से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी का आदेश दिया है. पेंटागन ने बताया कि अब तक वहां से 90 फीसदी से अधिक सैनिक स्वदेश लौट चुके हैं. तालिबान अफगानिस्तान के बड़े हिस्सों में काबिज होता जा रहा है.

व्हाइट हाउस में संवाददाताओं ने बाइडन से पूछा कि सैनिकों की वापसी के वर्तमान कार्यक्रम में क्या कोई बदलाव आ सकता है, इस पर उन्होंने कहा, 'नहीं'. बाइडन ने आगे कहा कि देखिए, हमने बीस साल से अधिक वर्षों में एक हजार अरब डॉलर से अधिक राशि खर्च की. अफगान बलों के 3,00,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित किया, साजो सामान दिया. अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा. हमारे हजारों सैनिक घायल हुए, हजारों मारे गए. उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी, अपने देश के लिए लड़नी होगी.

बाइडन ने कहा कि हम अपने वादे पूरे करेंगे जैसे कि हवाई क्षेत्र में मदद देना, यह देखना कि उनकी वायुसेना ठीक से काम करने में सक्षम हो, उनके बलों को भोजन और उपकरणों की आपूर्ति और उनके सभी वेतनों का भुगतान आदि, लेकिन उन्हें लड़ना होगा. उनकी संख्या तालिबान से अधिक है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगान इस बात को मानने लगे हैं कि उन्हें शीर्ष स्तर पर एक साथ आना होगा. उन्होंने कहा कि लेकिन हम अपने वादे पूरे करते रहेंगे. मुझे अपने फैसले पर कोई अफसोस नहीं है.

पढ़ें: तालिबान की पनाहगाहों को खत्म करने के लिए अमेरिका ने पाक से की बात

इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका उन लोगों को न्याय दिलाने के लिए अफगानिस्तान गया था जिन पर 11 सितंबर को हमला किया गया. वह उन दहशतगर्दों को तबाह करने गया था जो अमेरिका पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान को सुरक्षित पनाहगाह बनाना चाह रहे थे. उन्होंने कहा कि हमने कुछ साल पहले इन मकसदों को हासिल कर लिया.

पीटीआई-भाषा

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम में किसी भी तरह के परिवर्तन की संभावना से इनकार किया है. बाइडन ने 11 सितंबर तक युद्धग्रस्त देश से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी का आदेश दिया है. पेंटागन ने बताया कि अब तक वहां से 90 फीसदी से अधिक सैनिक स्वदेश लौट चुके हैं. तालिबान अफगानिस्तान के बड़े हिस्सों में काबिज होता जा रहा है.

व्हाइट हाउस में संवाददाताओं ने बाइडन से पूछा कि सैनिकों की वापसी के वर्तमान कार्यक्रम में क्या कोई बदलाव आ सकता है, इस पर उन्होंने कहा, 'नहीं'. बाइडन ने आगे कहा कि देखिए, हमने बीस साल से अधिक वर्षों में एक हजार अरब डॉलर से अधिक राशि खर्च की. अफगान बलों के 3,00,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित किया, साजो सामान दिया. अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा. हमारे हजारों सैनिक घायल हुए, हजारों मारे गए. उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी, अपने देश के लिए लड़नी होगी.

बाइडन ने कहा कि हम अपने वादे पूरे करेंगे जैसे कि हवाई क्षेत्र में मदद देना, यह देखना कि उनकी वायुसेना ठीक से काम करने में सक्षम हो, उनके बलों को भोजन और उपकरणों की आपूर्ति और उनके सभी वेतनों का भुगतान आदि, लेकिन उन्हें लड़ना होगा. उनकी संख्या तालिबान से अधिक है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगान इस बात को मानने लगे हैं कि उन्हें शीर्ष स्तर पर एक साथ आना होगा. उन्होंने कहा कि लेकिन हम अपने वादे पूरे करते रहेंगे. मुझे अपने फैसले पर कोई अफसोस नहीं है.

पढ़ें: तालिबान की पनाहगाहों को खत्म करने के लिए अमेरिका ने पाक से की बात

इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका उन लोगों को न्याय दिलाने के लिए अफगानिस्तान गया था जिन पर 11 सितंबर को हमला किया गया. वह उन दहशतगर्दों को तबाह करने गया था जो अमेरिका पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान को सुरक्षित पनाहगाह बनाना चाह रहे थे. उन्होंने कहा कि हमने कुछ साल पहले इन मकसदों को हासिल कर लिया.

पीटीआई-भाषा

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