बीजिंग : कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप पूरी दुनिया झेल रही है. इस महामारी का पहला केस चीन के वुहान शहर से आया था और वायरस को कृत्रिम वायरस भी बताया जा रहा था, हालांकि अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में जारी एक अध्ययन पेपर से जाहिर हुआ है कि कोविड-19 वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ है.
नेचर मेडिसन मैगजीन के ताजा अंक में जारी इस आलेख में कहा गया कि नोवेल कोरोना वायरस प्रयोगशाला में नहीं बनाया गया और किसी उद्देश्य के लिए नियंत्रित वायरस भी नहीं है.
अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा कि वुहान में जरूर कुछ मामले सामने आए, लेकिन वुहान इस वायरस का स्रोत नहीं है.
इस पेपर के सह लेखक प्रोफेसर रोबर्ट गैली ने बताया कि वर्तमान में षड्यंत्र का विचार वेबसाइट पर वायरल है. शक्ति एकत्र कर नोवेल कोरोना वायरस के स्रोत की खोज करने की जरूरत है.
गैली ने अमेरिकी एबीसी के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि कई लोगों के विचार में इस वायरस का स्रोत वुहान का एक सी फूड बाजार है, लेकिन यह विचार गलत है. हमारे अध्ययन और अन्य अध्ययनों से जाहिर हुआ है कि उस का स्रोत अधिक पहले का है.
चीन के वुहान से जन्में इस महामारी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वायरस कहा था, जिसे लेकर दोनों देशों में काफी विवाद भी हुआ था.
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बता दें कि चीन से फैले इस वायरस का कोई इलाज नहीं है. दुनियाभर के डॉक्टर इस वायरस के इलाज की खोज में लगे हुए हैं.
कोरोना वायरस से विश्व में 59 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, करीब 11 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हैं.