लंदन : अमेरिका में जासूसी के आरोपों का सामना करने के लिए विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण की अनुमति नहीं देने के एक ब्रिटिश न्यायाधीश के फैसले को अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने बुधवार को चुनौती दी. ब्रिटिश न्यायाधीश ने जनवरी में अपने फैसले मे कहा था कि यदि असांजे को अमेरिकी जेल की कठिन परिस्थितियों में रखा गया तो उनके आत्महत्या करने की संभावना है.
उच्च न्यायालय की एक प्राथमिक सुनवाई के दौरान अमेरिकी अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे ब्रिटिश अधिवक्ता क्लेयर डोब्बीन ने कहा कि जिला न्यायाधीश वेनेसा बैरिस्टर ने असांजे को प्रत्यर्पित नहीं करने का अपना फैसला इस आधार पर दिया था कि इससे उनके आत्महत्या करने की संभावना है. डोब्बीन ने कहा कि न्यायाधीश के फैसले और मनोचिकित्सकों के आकलन की पड़ताल करने की जरूरत है.
यौन उत्पीड़न के आरोप में स्वीडन प्रत्यर्पित किये जाने से बचने के लिए असांजे करीब सात साल लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में छिपे रहे थे. बुधवार को 50 वर्षीय आस्ट्रेलियाई को लंदन की उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से अदालत में पेश किया गया. इक्वाडोर द्वारा उन्हें दी गई शरण वापस लेने के बाद उन्हें अप्रैल 2019 में दूतावास से गिरफ्तार कर लिया गया था.
अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी के 17 आरोप लगाये हैं और एक आरोप दशक भर पहले हजारों लीक सैन्य एवं कूटनीतिक दस्तावेजों के विकीलीक्स प्रकाशन को लेकर कंप्यूटर के दुरूपयोग का है. इन आरोपों के तहत अधिकतम 175 साल कैद की सजा का प्रावधान है. अदालत के बाहर, असांजे की जीवनसाथी स्टेला मोरिस ने उन्हें पत्रकारिता करने वाला एक बेकसूर व्यक्ति बताया. मोरिस ने अपने समर्थकों और संवाददाताओं से कहा, 'हर दिन अन्याय जारी है, जूलियन को परेशान करना बढ़ रहा है.' प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने ‘जूलियन असांजे को रिहा करो’ के नारे लगाए.
(एपी)