खार्तूम : पश्चिमी दारफुर के जेबेल मून इलाके में मिसरिया जेबेल जनजाति के अरब खानाबदोशों और किसानों के बीच संघर्ष के दौरान कम से कम 43 लोग मारे गए जबकि 46 गांवों में लूटपाट के बाद उनको जला दिया गया.
ये जानकारी सूडान (ओसीएचए) में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक ओसीएचए के अनुसार, संघर्ष 17 नवंबर को शुरू हुआ था.
'प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कम से कम 43 लोग मारे गए, 46 गांवों को जला दिया गया और लूट लिया गया है साथ ही चल रही लड़ाई के कारण अज्ञात संख्या में लोग घायल हो गए हैं.'
कार्यालय ने कहा, 'कई लोग कथित तौर पर लापता हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं.' सूडान के दारफुर क्षेत्र में 2003 से पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के शासन के दौरान गृह युद्ध हुआ है, जिन्हें 11 अप्रैल, 2019 को अपदस्थ कर दिया गया था.
सूडान में सरकार ने 3 अक्टूबर, 2020 को हुए एक समझौते के माध्यम से दारफुर क्षेत्र में सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने की मांग की, लेकिन कुछ सशस्त्र समूहों ने अभी तक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
2021 सूडान ह्यूमैनिटेरियन नीड्स ओवरव्यू के अनुसार, अनुमानित 66,500 लोग जेबेल मून इलाके में रहते हैं और 43,000 से ज्यादा लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (आईपीसी) रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर और दिसंबर 2021 के बीच जेबेल मून के 13,300 से ज्यादा लोग संकट और खाद्य सुरक्षा के स्तर से ऊपर हैं.
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ओसीएचए ने कहा कि सुरक्षा की अनुमति, एक अंतर-एजेंसी मूल्यांकन 29 नवंबर और 2 दिसंबर के बीच आवश्यक प्रतिक्रिया के प्रकार और प्रतिक्रिया को निर्धारित करने के लिए होगा.
(आईएएनएस)