ETV Bharat / international

संयुक्त राष्ट्र ने ठुकराई चीन की अपील, बढ़ाए मध्य अफ्रीकी गणराज्य पर हथियार प्रतिबंध

author img

By

Published : Jul 30, 2021, 5:28 PM IST

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य के खिलाफ हथियार प्रतिबंध हटाए जाने की चीन की अपील के बावजूद इसकी अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी है. परिषद ने कहा कि सरकार ने सभी हथियारों की सुरक्षा एवं नियंत्रण समेत संयुक्त राष्ट्र के मानकों को पूरा नहीं किया है. पढ़ें पूरी खबर...

संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य (China Africa arms -CAR) के खिलाफ हथियार प्रतिबंध हटाए जाने की चीन की अपील के बावजूद इसकी अवधि गुरुवार को एक साल के लिए बढ़ा दी. परिषद ने कहा कि सरकार ने सभी हथियारों की सुरक्षा एवं नियंत्रण समेत संयुक्त राष्ट्र के मानकों को पूरा नहीं किया है.

परिषद ने उस प्रस्ताव को भी 14 -0 मतों के साथ स्वीकृति दी है जो व्यक्तियों और कंपनियों पर लक्षित प्रतिबंधों को बढ़ाता है जबकि चीन ने अपना मत नहीं डाला.

अमेरिका उपराजदूत रिचर्ड मिल्स (US deputy ambassador Richard Mills) ने हथियार प्रतिबंधों, यात्रा प्रतिबंधों और संपत्तियों की लेन-देन पर रोक का स्वागत किया है और इन उपायों को मध्य अफ्रीकी गणराज्य में 'शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अहम' बताया है. उन्होंने कहा कि देश में 'संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है'.

खनिज संपन्न मध्य अफ्रीकी गणराज्य 2013 के बाद से घातक अंतर-धार्मिक और अंतर-सांप्रदायिक लड़ाई का सामना कर रहा है, जब मुख्य रूप से मुस्लिम सेलाका विद्रोहियों ने तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रेंकोइस बोज़ीज़ को हटा दिया था, जिससे ज्यादातर ईसाई मिलिशिया में प्रतिशोध की भावना जगी थी.

फरवरी 2019 में सरकार और 14 विद्रोही समूहों के बीच एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. लेकिन संवैधानिक अदालत द्वारा दिसंबर में राष्ट्रपति पद के लिए बोज़ीज़ की उम्मीदवारी को खारिज करने के बाद, उनसे जुड़े विद्रोहियों ने चुनावों को रोकने की कोशिश की और फिर राष्ट्रपति फॉस्टिन अर्चेंज तौदेरा से सत्ता छीनने का प्रयास किया जिन्होंने दूसरी बार जीत दर्ज की थी.

प्रस्ताव को प्रायोजित करने वाले संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राजदूत निकोलस डी रिवेरे ने मतदान के बाद संवाददाताओं से कहा, 'यह मध्य अफ्रीकी गणराज्य में बिगड़ते हालात में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां बहुत ही चिंताजनक रूप से हिंसा बढ़ रही है और मानवाधिकारों एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन हो रहा है.'

पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग का अधिकार गंवा सकते हैं ईरान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य

उन्होंने कहा, 'हथियारों का प्रसार स्पष्ट रूप से समस्या का हिस्सा है और उनका नियंत्रण देश की सुरक्षा के लिए बड़ा मुद्दा है.'

लेकिन संयुक्त राष्ट्र में चीन के उपराजदूत दाई बिंग ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि दिसंबर के सफल चुनावों के बाद से 'देश में सुरक्षा स्थिति सुधर रही है.'

(पीटीआई-भाषा)

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य (China Africa arms -CAR) के खिलाफ हथियार प्रतिबंध हटाए जाने की चीन की अपील के बावजूद इसकी अवधि गुरुवार को एक साल के लिए बढ़ा दी. परिषद ने कहा कि सरकार ने सभी हथियारों की सुरक्षा एवं नियंत्रण समेत संयुक्त राष्ट्र के मानकों को पूरा नहीं किया है.

परिषद ने उस प्रस्ताव को भी 14 -0 मतों के साथ स्वीकृति दी है जो व्यक्तियों और कंपनियों पर लक्षित प्रतिबंधों को बढ़ाता है जबकि चीन ने अपना मत नहीं डाला.

अमेरिका उपराजदूत रिचर्ड मिल्स (US deputy ambassador Richard Mills) ने हथियार प्रतिबंधों, यात्रा प्रतिबंधों और संपत्तियों की लेन-देन पर रोक का स्वागत किया है और इन उपायों को मध्य अफ्रीकी गणराज्य में 'शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अहम' बताया है. उन्होंने कहा कि देश में 'संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है'.

खनिज संपन्न मध्य अफ्रीकी गणराज्य 2013 के बाद से घातक अंतर-धार्मिक और अंतर-सांप्रदायिक लड़ाई का सामना कर रहा है, जब मुख्य रूप से मुस्लिम सेलाका विद्रोहियों ने तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रेंकोइस बोज़ीज़ को हटा दिया था, जिससे ज्यादातर ईसाई मिलिशिया में प्रतिशोध की भावना जगी थी.

फरवरी 2019 में सरकार और 14 विद्रोही समूहों के बीच एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. लेकिन संवैधानिक अदालत द्वारा दिसंबर में राष्ट्रपति पद के लिए बोज़ीज़ की उम्मीदवारी को खारिज करने के बाद, उनसे जुड़े विद्रोहियों ने चुनावों को रोकने की कोशिश की और फिर राष्ट्रपति फॉस्टिन अर्चेंज तौदेरा से सत्ता छीनने का प्रयास किया जिन्होंने दूसरी बार जीत दर्ज की थी.

प्रस्ताव को प्रायोजित करने वाले संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राजदूत निकोलस डी रिवेरे ने मतदान के बाद संवाददाताओं से कहा, 'यह मध्य अफ्रीकी गणराज्य में बिगड़ते हालात में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां बहुत ही चिंताजनक रूप से हिंसा बढ़ रही है और मानवाधिकारों एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन हो रहा है.'

पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग का अधिकार गंवा सकते हैं ईरान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य

उन्होंने कहा, 'हथियारों का प्रसार स्पष्ट रूप से समस्या का हिस्सा है और उनका नियंत्रण देश की सुरक्षा के लिए बड़ा मुद्दा है.'

लेकिन संयुक्त राष्ट्र में चीन के उपराजदूत दाई बिंग ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि दिसंबर के सफल चुनावों के बाद से 'देश में सुरक्षा स्थिति सुधर रही है.'

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.