ETV Bharat / international

तुर्की ने लीबिया में 3,800 लड़ाकों को भेजा : पेंटागन रिपोर्ट - अफ्रीका में आतंकवाद के खिलाफ

अफ्रीका में आतंकवाद के खिलाफ अभियानों पर प्रकाशित हुई रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की ने इस साल के पहले तीन महीनों में 3,500 से 3,800 वैतनिक सीरियाई लड़ाकों को लीबिया भेजा है.

कॉन्सेप्ट इमेज
कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Jul 18, 2020, 5:38 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के रक्षा विभाग के महानिरीक्षक की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की ने इस साल के पहले तीन महीनों में 3,500 से 3,800 वैतनिक सीरियाई लड़ाकों को लीबिया भेजा.

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब तेल संपन्न लीबिया में संघर्ष एक क्षेत्रीय छद्म युद्ध में बदल गया है, जिसमें विदेशी शक्तियां हथियार और किराए के सैनिक भेज रही हैं.

लीबिया में रूस के बढ़ते प्रभाव से चिंतित अमेरिकी सेना ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. रूस के सैकड़ों सैनिकों ने लीबिया की राजधानी त्रिपोली पर कब्जा जमाने के एक अभियान का समर्थन किया है.

अफ्रीका में आतंकवाद के खिलाफ अभियानों पर यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को प्रकाशित हुई. इसमें कहा गया है कि तुर्की ने लीबिया के कमांडर खलीफा हफ्तार के खिलाफ लड़ रहे किराए के हजारों लड़ाकों को वेतन दिया और उन्हें नागरिकता की पेशकश दी.

लड़ाकों के चरमपंथियों से संबंधों की खबरों के बावजूद इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सेना को ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिससे पता चले कि किराए के लड़ाकों का संबंध आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट या अल-कायदा से है. इसमें कहा गया है कि इन लड़ाकों के किसी विचारधारा या राजनीति के बजाय वित्तीय पैकेज से प्रेरित होने की अधिक संभावना है.

रिपोर्ट में अमेरिका अफ्रीका कमान के हवाले से कहा गया है कि तुर्की के समर्थन वाले 300 सीरियाई लड़ाके अप्रैल की शुरुआत में लीबिया पहुंचे.

पढ़ें - वैश्विक संचार नेटवर्क पर हावी होने की कोशिश कर रही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी : पोम्पिओ

महानिरीक्षक ने कहा कि तुर्की ने इस साल के शुरुआती महीनों के दौरान तुर्की के सैनिकों को तैनात किया जिनकी तादाद अभी मालूम नहीं है.

वाशिंगटन : अमेरिका के रक्षा विभाग के महानिरीक्षक की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की ने इस साल के पहले तीन महीनों में 3,500 से 3,800 वैतनिक सीरियाई लड़ाकों को लीबिया भेजा.

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब तेल संपन्न लीबिया में संघर्ष एक क्षेत्रीय छद्म युद्ध में बदल गया है, जिसमें विदेशी शक्तियां हथियार और किराए के सैनिक भेज रही हैं.

लीबिया में रूस के बढ़ते प्रभाव से चिंतित अमेरिकी सेना ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. रूस के सैकड़ों सैनिकों ने लीबिया की राजधानी त्रिपोली पर कब्जा जमाने के एक अभियान का समर्थन किया है.

अफ्रीका में आतंकवाद के खिलाफ अभियानों पर यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को प्रकाशित हुई. इसमें कहा गया है कि तुर्की ने लीबिया के कमांडर खलीफा हफ्तार के खिलाफ लड़ रहे किराए के हजारों लड़ाकों को वेतन दिया और उन्हें नागरिकता की पेशकश दी.

लड़ाकों के चरमपंथियों से संबंधों की खबरों के बावजूद इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सेना को ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिससे पता चले कि किराए के लड़ाकों का संबंध आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट या अल-कायदा से है. इसमें कहा गया है कि इन लड़ाकों के किसी विचारधारा या राजनीति के बजाय वित्तीय पैकेज से प्रेरित होने की अधिक संभावना है.

रिपोर्ट में अमेरिका अफ्रीका कमान के हवाले से कहा गया है कि तुर्की के समर्थन वाले 300 सीरियाई लड़ाके अप्रैल की शुरुआत में लीबिया पहुंचे.

पढ़ें - वैश्विक संचार नेटवर्क पर हावी होने की कोशिश कर रही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी : पोम्पिओ

महानिरीक्षक ने कहा कि तुर्की ने इस साल के शुरुआती महीनों के दौरान तुर्की के सैनिकों को तैनात किया जिनकी तादाद अभी मालूम नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.