ट्यूनिश : ट्यूनीशिया के अधिकारियों ने विपक्ष के एक सांसद को जेल में डाल दिया तथा इस्लामिस्ट मूवमेंट एन्नाहदा के चार सदस्यों को हिरासत में लिया. ट्यूनीशिया के मीडिया में आई खबरों में यह कहा गया.
दरअसल राष्ट्रपति कैस सईद ने रविवार को संसद को निलंबित कर दिया था, संसद सदस्यों को प्राप्त संरक्षण वापस ले लिया था और प्रधानमंत्री को पद से हटाकर कार्यकारी शक्तियां अपनी हाथों में ले ली थी. सईद ने कहा था कि बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने में विफलता को लेकर जनता के रोष को देखते हुए देश को बचाने के लिए ये कदम आवश्यक हैं.
लेकिन सईद के इन कदमों से ट्यूनीशिया के नए लोकतंत्र को लेकर चिंताएं उत्पन्न होने लगी हैं. आलोचकों खासकर एन्नाहदा पार्टी ने उन पर तख्तापलट का आरोप लगाया है. पार्टी के एक अधिकारी रियाद चैदी ने बताया कि पार्टी सदस्यों को जांचकर्ता मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और इन पर संसद भवन के बाहर हिंसा भड़काने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया.
चैदी ने बताया कि चारों से पूछताछ की गई और बाद में सबूतों के अभाव के चलते उन्हें छोड़ दिया गया.
राष्ट्रपति के कदम के अगले दिन संसद के बाहर एन्नाहदा के लोगों और राष्ट्रपति के समर्थकों के बीच झड़प हुई. शुक्रवार को इनमें से जिन लोगों को हिरासत में लिया गया उनमें एन्नहदा नेता और संसद अध्यक्ष के अंगरक्षक, प्रोटोकॉल अधिकारी और पार्टी की सलाहकार परिषद के एक सदस्य शामिल हैं.
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अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने शनिवार को ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति से बात की और ट्यूनीशिया के लोगों और वहां के लोकतंत्र के प्रति मजबूत समर्थन जताया. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली होर्न ने व्हाइट से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी.
(एपी)