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कोविड-19 की 'ओरल' खुराक वाले नये टीके का दक्षिण अफ्रीका में परीक्षण शुरू

सोशल मीडिया में गलत सूचना फैलाये जाने के चलते व्यापक स्तर पर लोगों के टीका लगवाने में हिचक के बीच दक्षिण अफ्रीका टीकाकरण के जरिए आबादी के बड़े हिस्से में प्रतिरक्षा के लक्ष्य को हासिल करने में संघर्ष कर रहा है. साथ ही, टीकाकरण के विरोध में कुछ राजनीतिक दलों सहित एक मजबूत लॉबी भी है.

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Published : Dec 16, 2021, 8:44 PM IST

जोहानिसबर्ग : अमेरिकी/इजराइली फार्मास्युटिकल कंपनी ओरामेड की अनुषंगी ओरावैक्स मेडिकल इंक ने दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 की ‘ओरल’ खुराक (Trial of new vaccine with oral dose) वाले अपने नये टीके के प्रथम चरण का क्लीनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है.

उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया में गलत सूचना फैलाये जाने के चलते व्यापक स्तर पर लोगों के टीका लगवाने में हिचक के बीच दक्षिण अफ्रीका टीकाकरण के जरिए आबादी के बड़े हिस्से में प्रतिरक्षा के लक्ष्य को हासिल करने में संघर्ष कर रहा है. साथ ही, टीकाकरण के विरोध में कुछ राजनीतिक दलों सहित एक मजबूत लॉबी भी है.

ओरामेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नदाव किद्रों ने एक बयान में कहा, 'हम तेजी से इस अध्ययन को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका प्रथम चरण के अध्ययन के लिए एक बेहतर स्थान है क्योंकि यह फिलहाल कोविड के मामलों में तीव्र वृद्धि का सामना कर रहा है और इसने पर्याप्त मात्रा में टीके हासिल करने के लिए संघर्ष किया है.'

पढ़ेंः मॉडर्ना का टीका कोरोना वायरस के स्वरूप के खिलाफ 'अत्यधिक प्रभावी' : अध्ययन

उन्होंने कहा, 'हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि ओरल खुराक वाला टीका सिंरीज (सूई) की जरूरत को खत्म कर देगा और टीके के वितरण और उसकी खुराक लगाने को आसान बनाएगा. इससे दक्षिण अफ्रीका और इसके जैसे देशों में टीकाकरण दर बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी.'

(पीटीआई-भाषा)

जोहानिसबर्ग : अमेरिकी/इजराइली फार्मास्युटिकल कंपनी ओरामेड की अनुषंगी ओरावैक्स मेडिकल इंक ने दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 की ‘ओरल’ खुराक (Trial of new vaccine with oral dose) वाले अपने नये टीके के प्रथम चरण का क्लीनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है.

उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया में गलत सूचना फैलाये जाने के चलते व्यापक स्तर पर लोगों के टीका लगवाने में हिचक के बीच दक्षिण अफ्रीका टीकाकरण के जरिए आबादी के बड़े हिस्से में प्रतिरक्षा के लक्ष्य को हासिल करने में संघर्ष कर रहा है. साथ ही, टीकाकरण के विरोध में कुछ राजनीतिक दलों सहित एक मजबूत लॉबी भी है.

ओरामेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नदाव किद्रों ने एक बयान में कहा, 'हम तेजी से इस अध्ययन को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका प्रथम चरण के अध्ययन के लिए एक बेहतर स्थान है क्योंकि यह फिलहाल कोविड के मामलों में तीव्र वृद्धि का सामना कर रहा है और इसने पर्याप्त मात्रा में टीके हासिल करने के लिए संघर्ष किया है.'

पढ़ेंः मॉडर्ना का टीका कोरोना वायरस के स्वरूप के खिलाफ 'अत्यधिक प्रभावी' : अध्ययन

उन्होंने कहा, 'हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि ओरल खुराक वाला टीका सिंरीज (सूई) की जरूरत को खत्म कर देगा और टीके के वितरण और उसकी खुराक लगाने को आसान बनाएगा. इससे दक्षिण अफ्रीका और इसके जैसे देशों में टीकाकरण दर बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी.'

(पीटीआई-भाषा)

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