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भारत प्रायोजित कंप्यूटर केंद्र में चोरी, अधर में लटका छात्रों का भविष्य

महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर एजुकेशन एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी' केंद्र में चोरी के बाद यहां कम फीस या मुफ्त में कंप्यूटर प्रशिक्षण पा रहे छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. बस्ती के आसपास के गरीब समुदाय के सदस्यों को यहां बुनियादी कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है.

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भारत प्रायोजित कंप्यूटर केंद्र में चोरी
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Published : Jul 13, 2020, 8:33 PM IST

जोहान्सबर्ग : दक्षिण अफ्रीका की फीनिक्स बसावट में भारत-प्रायोजित 'महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर एजुकेशन एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी' केंद्र में चोरी के बाद यहां कम फीस या मुफ्त में कंप्यूटर प्रशिक्षण पा रहे छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है.

विदेश राज्य मंत्री विजय कुमार सिंह ने अक्टूबर 2017 में इस केंद्र का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया था लेकिन यहां कक्षाएं महज पांच महीने पहले ही शुरू हुई थी.

बस्ती के आसपास के गरीब समुदाय के सदस्यों को यहां बुनियादी कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है.

फीनिक्स बस्ती 1904 में मोहनदास करमचंद गांधी ने बसाई थी.

छह हथियारों से लैस छह संदिग्धों ने एक सुरक्षा कर्मी को बंधक बना लिया और एक वैन में 29 कंप्यूटर लेकर फरार हो गए. इनमें भारत सरकार द्वारा मुहैया कराए गए 20 कंप्यूटर भी थे.

फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट के न्यासी एवं महात्मा के परपोते किदार रामगोबिन ने कहा, ' सौभाग्य से किसी को कोई चोट नहीं लगी. संस्थान में चोरी की यह पहली घटना है.'

उन्होंने कहा, 'केंद्र में भामभाई समुदाय को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है. कम फीस और इसके सरल नियमों के के कारण दूर-दूर से भी विद्यार्थी यहां आते हैं. यह केंद्र ऐसे लोगों की जरूरतें भी पूरी कर रहा है, जिन्होंने आजतक कंप्यूटर छुआ भी नहीं.'

उन्होंने कहा कि चोरी की इस घटना से यहां प्रशिक्षण हासिल करने वाले कई छात्रों का नुकसान हुआ है. यहां से 4,000 से अधिक छात्रों ने प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रमाण-पत्र हासिल किया है और इनमें से कई को इसके बाद नौकरियां भी मिली.

पढ़ें : अमेरिका में नए वीजा नियमों की घोषणा के बाद भारतीय छात्रों को सता रही वापस भेजे जाने की चिंता

संस्थान अब नए कंप्यूटर खरीदने के लिए धन जुटा रहा है ताकि जल्द से जल्द कक्षाएं दोबारा शुरू की जाएं.

जोहान्सबर्ग : दक्षिण अफ्रीका की फीनिक्स बसावट में भारत-प्रायोजित 'महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर एजुकेशन एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी' केंद्र में चोरी के बाद यहां कम फीस या मुफ्त में कंप्यूटर प्रशिक्षण पा रहे छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है.

विदेश राज्य मंत्री विजय कुमार सिंह ने अक्टूबर 2017 में इस केंद्र का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया था लेकिन यहां कक्षाएं महज पांच महीने पहले ही शुरू हुई थी.

बस्ती के आसपास के गरीब समुदाय के सदस्यों को यहां बुनियादी कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है.

फीनिक्स बस्ती 1904 में मोहनदास करमचंद गांधी ने बसाई थी.

छह हथियारों से लैस छह संदिग्धों ने एक सुरक्षा कर्मी को बंधक बना लिया और एक वैन में 29 कंप्यूटर लेकर फरार हो गए. इनमें भारत सरकार द्वारा मुहैया कराए गए 20 कंप्यूटर भी थे.

फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट के न्यासी एवं महात्मा के परपोते किदार रामगोबिन ने कहा, ' सौभाग्य से किसी को कोई चोट नहीं लगी. संस्थान में चोरी की यह पहली घटना है.'

उन्होंने कहा, 'केंद्र में भामभाई समुदाय को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है. कम फीस और इसके सरल नियमों के के कारण दूर-दूर से भी विद्यार्थी यहां आते हैं. यह केंद्र ऐसे लोगों की जरूरतें भी पूरी कर रहा है, जिन्होंने आजतक कंप्यूटर छुआ भी नहीं.'

उन्होंने कहा कि चोरी की इस घटना से यहां प्रशिक्षण हासिल करने वाले कई छात्रों का नुकसान हुआ है. यहां से 4,000 से अधिक छात्रों ने प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रमाण-पत्र हासिल किया है और इनमें से कई को इसके बाद नौकरियां भी मिली.

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संस्थान अब नए कंप्यूटर खरीदने के लिए धन जुटा रहा है ताकि जल्द से जल्द कक्षाएं दोबारा शुरू की जाएं.

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