जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 के मामलों में तेज बढ़ोतरी (Sharp increase in cases of covid-19) के बीच 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को फाइजर के कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर (Pfizer's anti-Covid-19 vaccine booster) खुराक दिए जाने को मंजूरी दे दी है. दक्षिण अफ्रीका में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के करीब 20,000 मामले सामने आए हैं, जिनमें अधिकतर मामले कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन (corona new vaiant Omicron) से संक्रमण के हैं.
दवा कंपनी बायोएनटेक और फाइजर (BioNTech and Pfizer) ने घोषणा की थी कि ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ उनके टीके की दो खुराक संभवत: पर्याप्त नहीं हैं, जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका स्वास्थ्य उत्पाद प्राधिकरण (South Africa Health Products Authority-SAHPRA) ने बुधवार को फाइजर के कॉमिरनेटी कोविड-19 रोधी टीके (Comirnaty Anti-Covid-19 vaccines from Pfizer) के इस्तेमाल की मंजूरी दी.
SAHPRA ने कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीके की दूसरी खुराक लेने के कम से कम छह महीने बाद या कमजोर प्रतिरक्षा वाले 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को टीके की दूसरी खुराक लेने के 28 दिन बाद तीसरी खुराक दी जा सकती है.
SAHPRA का यह फैसला दक्षिण अफ्रीका में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 19,842 नए मामले आने के बाद आया है. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना संक्रमण (corona infection in south africa) से 36 लोगों और की मौत होने से मृतक संख्या भी 90,000 के पार पहुंच गई है. संक्रमण के इन मामलों में से 60 प्रतिशत से अधिक मामले देश के आर्थिक केंद्र गौतेंग प्रांत से हैं. संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अधिक कड़ा लॉकडाउन लगाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. दक्षिण अफ्रीका में इस समय कम पाबंदियों के साथ लॉकडाउन का पहला स्तर लागू किया गया है. संक्रमण की रोकथाम के लिए पाबंदियों के लिहाज से लॉकडाउन के पांच स्तर हैं.
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देश के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के चार पश्चिम अफ्रीकी देशों की एक सप्ताह की यात्रा से लौटने के तुरंत बाद कोरोना कमांड काउंसिल और उनके मंत्रिमंडल के साथ तत्काल बैठकें करने की संभावना है.
हालांकि, दक्षिण अफ्रीका में सरकार, विभिन्न संगठनों और कारोबारियों की ओर से टीकाकरण की लगातार अपील के बावजूद लोग टीके लगाने को लेकर अब भी हिचक रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री जोए फाला ने सोमवार को चिंता जताते हुए कहा था कि अस्पतालों में बिस्तर तेजी से भर रहे हैं, हालांकि अधिकतर मामले गंभीर प्रकृति के नहीं हैं.
सामाजिक विकास विभाग में जनसंख्या और विकास विभाग के मुख्य निदेशक जैक्स वैन जुयदम ने मंगलवार को महामारी के जनसांख्यिकीय प्रभाव विषय पर ब्रिक्स देशों के वेबिनार में कहा था कि महामारी के कारण दक्षिण अफ्रीका की जीवन प्रत्याशा में साढ़े तीन साल की कमी आई है. ब्रिक्स उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं का एक संघ है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं.
(पीटीआई-भाषा)