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दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बोले, टीका राष्ट्रवाद दुनिया के लिए खतरा

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Published : Jan 26, 2021, 5:23 PM IST

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन में कहा कि यदि कुछ देश अपने लोगों को टीका देते हैं और अन्य देश नहीं दे पाते तो सब लोग सुरक्षित नहीं हो सकते. उन्होंने टीकों की कमी पर चिंता जताई.

राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा
राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा

नई दिल्ली : 'टीका राष्ट्रवाद' के खतरों के प्रति आगाह करते हुए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मंगलवार को कहा कि यदि कुछ देश अपने लोगों को टीका देते हैं और अन्य देश नहीं दे पाते तो सब लोग सुरक्षित नहीं हो सकते.

विश्व आर्थिक मंच के डिजिटल माध्यम से आयोजित दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा, 'हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं वह वायरस द्वारा निर्मित नहीं हैं बल्कि हमारे द्वारा बनाई गई हैं.'

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी, पर्यावरण को हो रहा नुकसान और युद्ध यह सभी हमारे द्वारा की गई कार्रवाई या कई बार अकर्मण्यता का नतीजा है. उन्होंने कहा कि दशकों में पहली बार गरीबी बढ़ने के आसार हैं और दुनिया चौराहे पर खड़ी है.

रामाफोसा ने नए रास्ते अपनाने की वकालत की और कहा कि हमारे सामने दुनिया को उस मुकाम पर ले जाने की चुनौती नहीं है जहां वह महामारी से पहले खड़ी थी.

कोविड-19 पर उन्होंने कहा कि महामारी से मुकाबले के लिए अफ्रीकी देश साथ मिलकर योजना पर काम कर रहे हैं और इसके लिए 'अफ्रीकी चिकित्सकीय आपूर्ति मंच' का गठन किया गया है जिससे अफ्रीकी देशों को देशों कम कीमत पर चिकित्सा सामग्री उपलब्ध हो रही है.

पढ़ें- दक्षिण अफ्रीका सरकार के मंत्री का कोविड-19 से निधन

इसके साथ ही रामाफोसा ने टीके की कमी पर चिंता प्रकट की. उन्होंने कहा, 'हम टीका राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चिंतित हैं. यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो सभी देश महामारी से नहीं उबर पाएंगे.'

नई दिल्ली : 'टीका राष्ट्रवाद' के खतरों के प्रति आगाह करते हुए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मंगलवार को कहा कि यदि कुछ देश अपने लोगों को टीका देते हैं और अन्य देश नहीं दे पाते तो सब लोग सुरक्षित नहीं हो सकते.

विश्व आर्थिक मंच के डिजिटल माध्यम से आयोजित दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा, 'हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं वह वायरस द्वारा निर्मित नहीं हैं बल्कि हमारे द्वारा बनाई गई हैं.'

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी, पर्यावरण को हो रहा नुकसान और युद्ध यह सभी हमारे द्वारा की गई कार्रवाई या कई बार अकर्मण्यता का नतीजा है. उन्होंने कहा कि दशकों में पहली बार गरीबी बढ़ने के आसार हैं और दुनिया चौराहे पर खड़ी है.

रामाफोसा ने नए रास्ते अपनाने की वकालत की और कहा कि हमारे सामने दुनिया को उस मुकाम पर ले जाने की चुनौती नहीं है जहां वह महामारी से पहले खड़ी थी.

कोविड-19 पर उन्होंने कहा कि महामारी से मुकाबले के लिए अफ्रीकी देश साथ मिलकर योजना पर काम कर रहे हैं और इसके लिए 'अफ्रीकी चिकित्सकीय आपूर्ति मंच' का गठन किया गया है जिससे अफ्रीकी देशों को देशों कम कीमत पर चिकित्सा सामग्री उपलब्ध हो रही है.

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इसके साथ ही रामाफोसा ने टीके की कमी पर चिंता प्रकट की. उन्होंने कहा, 'हम टीका राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चिंतित हैं. यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो सभी देश महामारी से नहीं उबर पाएंगे.'

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