बमाको : माली के सैन्य शासक रहे आसिमी गोइता ने अंतरिम सरकार के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को मंगलवार को बर्खास्त कर एक बार फिर से देश की सत्ता अपने हाथ में ले ली. बिना उनकी अनुमति के सरकार ने कैबिनेट फेरबदल की घोषणा की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी.
गोइता ने वादे के अनुसार, 2022 में नये सिरे से चुनाव कराने का अपना संकल्प दोहराया, लेकिन उनका यह शक्ति प्रदर्शन इस ओर इशारा करता है कि पिछली बार लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये राष्ट्रपति को बर्खास्त करने वाले सैन्य शासन के बिना हस्तक्षेप के चुनाव हो पाएगा या नहीं.
इस कदम ने इन चिंताओं को भी बढ़ा दिया है कि नयी राजनीतिक अशांति पश्चिम अफ्रीकी देश में लंबे समय से चल रहे इस्लामी उग्रवाद को नियंत्रित करने के प्रयासों को और अस्थिर कर सकती है. संयुक्त राष्ट्र माली में शांतिरक्षण मिशन पर सालाना करीब 1.2 अरब डॉलर खर्च करता है.
सरकारी प्रसारणकर्ता द्वारा सेना की घोषणा से एक दिन पहले ही विद्रोही सैनिकों ने देश के राष्ट्रपति बाह एन'डॉव और प्रधानमंत्री मोक्टर ओउने को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें सोमवार रात को काती सैन्य मुख्यालय ले जाया गया था. दोनों मंगलवार को भी हिरासत में रहे.
गोइता ने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने बिना उनके परामर्श के यह कदम उठाया.
अफ्रीकी संघ, संयुक्त राष्ट्र, पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्रीय समूह (इकोवास) और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अन्य सदस्यों ने को तत्काल रिहा किये जाने की मांग की.
दोनों नेताओं की रिहाई की मांग वाले संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वालों ने माली में राजनीतिक सत्ता हस्तांतरण बहाल होने और तय समयसीमा में यह प्रक्रिया समाप्त होने की जरूरत बताई.
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दोनों नेताओं ने पिछले साल सितंबर में शपथ ली थी. तब सत्तारूढ़ सैन्य शासक अंतरराष्ट्रीय दबाव में असैन्य सरकार को सत्ता हस्तांतरण के लिए तैयार हो गये थे.