डकार : नाइजर में चरमपंथियों ने दो गांवों पर हमला कर 100 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया. दो गांवों पर ये हमले उस दिन हुए जब नाइजर ने एलान किया था कि देश में राष्ट्रपति पद के दूसरे दौर के चुनाव 21 फरवरी को होंगे.
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि असुरक्षित तिल्लबेरी क्षेत्र के लोगों ने विद्रोही लड़ाकों को मार दिया था, जिसके बाद शनिवार को दो गांवों पर हमला किया गया. यह हमला नाइजर के सबसे घातक हमलों में से एक है. इससे कुछ हफ्तों पहले इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रोविंस ने डिफा क्षेत्र पर हमला किया था, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे.
नाइजर और पड़ोसी बुर्किना फासो तथा माली चरमपंथी हिंसा से जूझ रहे हैं. हालांकि क्षेत्र में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की मौजूदगी है. शनिवार को हुए हमले की किसी भी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन, ग्रेटर सहारा क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट ने कुछ समय से हमले तेज कर दिए हैं.
उधर, नाइजर में फरवरी में होने वाले दूसरे दौर के चुनाव के बाद देश में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से एक निर्वाचित राष्ट्रपति दूसरे को सत्ता सौंपेगा. नाइजर को 1960 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिली थी और इसके बाद से यहां चार बार सेना तख्ता उलट चुकी है.
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दो बार से राष्ट्रपति पद पर काबिज मोहम्मदु इस्सोफू पद से इस्तीफा दे रहे हैं. सत्तारूढ़ पार्टी के मोहम्मद बजौम का मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति एम उस्मान से है. बजौम ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने हमले की निंदा की. गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि महासचिव ने आतंकवाद, हिंसक चरमपंथ और संगठित अपराध के खिलाफ नाइजर के लोगों और सरकार के प्रति संयुक्त राष्ट्र के समर्थन की पुनः पुष्टि की है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने भी दोहरे हमले की निंदा करते हुए कहा कि हमले के बाद कम से कम एक हजार लोग अपने घरों को छोड़कर भाग गए हैं. नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी ने भी हमले की निंदा की है.