मुंबई: महाराष्ट्र सरकार अनुभवी प्लैबैक सिंगर और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुरेश ईश्वर वाडकर को साल 2023 के अपने प्रतिष्ठित 'गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार' के लिए चुना है. सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुंगंतीवार ने शनिवार को यह घोषणा की. कोल्हापुर के एक साधारण परिवार से आने वाले, वाडकर अपने युवा दिनों में एक पहलवान थे और फिर 1976 में एक सिंगिंग कॉम्पटिशन जीतने से पहले मुंबई में एक संगीत शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे.
सुरेश ईश्वर वाडकर को 1977 में दिवंगत संगीत निर्देशक रवींद्र जैन के साथ पार्श्व गायन का पहला मौका मिला था. उनके शुरुआती हिट नंबर थे 'सोना करे झिलमिल झिलमिल' (फिल्म 'पहेली'), 'सीने में जलन' ('गमन'), जिसने लता मंगेशकर का ध्यान खींचा और उन्होंने उस समय के अन्य शीर्ष संगीतकारों से उनकी सिफारिश की थी. इन वर्षों में वाडकर ने शीर्ष हिंदी और मराठी निर्देशकों के लिए 'क्रोधी', 'हम पांच', 'प्यासा सावन', 'प्रेम रोग', 'मेंहदी', 'प्रेम ग्रंथ', 'राम तेरी गंगा मैली', 'परिंदा' और 'सदमा' सहित अन्य फिल्मों के लिए यादगार हिट गाने गाए.
अगली पीढ़ी को संगीत सिखाने के अलावा, उन्होंने कई भारतीय भाषाओं और विभिन्न शैलियों में भी गाने गाए है. एक अधिकारी ने बताया कि 'संगीत नाटक अकादमी (2018) के विजेता 68 वर्षीय वाडकर को एक समारोह में पुरस्कार के हिस्से के रूप में नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति और एक स्मृति चिह्न प्रदान किया जाएगा'. इसके साथ ही मुंगंतीवार ने विभिन्न श्रेणियों में अन्य प्रमुख पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की, जिनमें पंडित उल्हास कशालकर, पंडित शशिकांत एस. मुलये, सुहासिनी देशपांडे, अशोक समेल, नैना आप्टे-जोशी, पंडित मकरंद कुंडले और अन्य कलाकार शामिल हैं.