नई दिल्लीः अपकमिंग फिल्म रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट के प्रमोशन में व्यस्त एक्टर आर माधवन ने रविवार को कहा कि यह कहना उनकी ओर से अज्ञानता की बात है कि ग्रहों की स्थिति पर आधारित एक प्राचीन पंचांग का इस्तेमाल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा मार्स ऑर्बिटर मिशन को लॉन्च करने के लिए किया गया था. अभिनेता ने आलोचना के बाद सफाई में यह बात कही.
पिछले हफ्ते चेन्नई में अपनी आगामी फिल्म रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट के प्रचार कार्यक्रम में माधवन ने कहा था कि 'पंचांग' में ग्रहों की स्थिति, उनके गुरुत्वाकर्षण बल कैसे कार्य करते हैं, इसके प्रभाव, सौर चमक, जिसका उपयोग 2014 में मार्स ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को कक्षा में स्थापित करने की दिशा में काम करते समय किया गया था.
कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कई यूजर्स ने अभिनेता की आलोचना की, जिसके जवाब में माधवन ने ट्वीट किया- 'मैंने ऑल्कमैन को तमिल में 'पंचांग' कहा. मैं इसी के लायक हूं, हालांकि इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता है कि मंगल मिशन में हमारे द्वारा सिर्फ 2 इंजनों के साथ क्या हासिल किया गया था. अपने आप में यह एक रिकॉर्ड है. @NambiNOfficial विकास इंजन एक रॉकस्टार (sic) है.'
बता दें कि माधवन की टिप्पणियों के लिए उन पर निशाना साधने वालों में प्रसिद्ध कर्नाटक गायक टीएम कृष्णा थे. अपने ट्वीट में अभिनेता के बयान पर चुटकी लेते हुए कृष्णा ने इसरो की आधिकारिक वेबसाइट से मार्स ऑर्बिटर मिशन प्रोफाइल का लिंक साझा किया. उन्होंने कहा 'निराश है कि @isro ने इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया है.'
उन्होंने आगे लिखा, 'मंगल पंचांग पर भी विचार करने का समय'. एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि माधवन को 'आधिकारिक तौर पर एक चॉकलेट बॉय से व्हाट्सएप अंकल बनते देखना दुर्भाग्यपूर्ण है'.आगे बता दें कि इसरो ने मंगल ग्रह की सतह और खनिज संरचना का अध्ययन करने और जीवन के विषय में स्कैन करने के लिए 2013 में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से एक घरेलू पीएसएलवी रॉकेट पर कम लागत वाला मंगल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया था.
भारत ने 2014 में अपने पहले ही प्रयास में अंतरिक्ष यान को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया था और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता वाले देशों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया था. माधवन के निर्देशन में बनी पहली फिल्म रॉकेट इसरो के पूर्व वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर नंबी नारायणन पर एक बायोपिक है, जिस पर जासूसी का झूठा आरोप लगाया गया था. यह फिल्म 1 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.