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लोकप्रिय थिएटर निर्देशक प्रशांत नारायणन का निधन - प्रशांत नारायणन

Prashanth Narayanan Passess Away: लोकप्रिय थिएटर निर्देशक प्रशांत नारायणन का निधन हो गया है.

Prashanth Narayanan
प्रशांत नारायणन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 28, 2023, 10:45 PM IST

Updated : Dec 28, 2023, 10:51 PM IST

मुंबई: कुछ समय से बीमार चल रहे लोकप्रिय थिएटर निर्देशक प्रशांत नारायणन ने गुरुवार को एक सरकारी अस्पताल में अंतिम सांस ली. एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी नारायणन एक नाटक लेखक थे, जिन्होंने 25 नाटकों की पटकथा लिखी. 51 वर्षीय नारायणन को नाटक 'छायामुखी' के निर्देशन के लिए जाना जाता है, जिसमें अभिनेता मोहनलाल और एक्टर से सीपीआई-एम विधायक बने मुकेश ने अभिनय किया था.

सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें यहां सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां दोपहर में उनका निधन हो गया. उन्होंने सी.जी. नम्पुथिरी से कला का ज्ञान लेकर अपने कलात्मक करियर कथकली की शुरुआत की. एक किशोर के रूप में उन्होंने अपना काम शुरू किया. तीन दशकों के करियर में उन्होंने 2003 में बेस्ट नाटककार के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जीता था. उन्होंने कई फेमस नाटक लिखे हैं.

प्रशांत नारायणन ने अपने करियर में लगभग 25 नाटक लिखे. कुंजनु भ्रांतनु, अराचा चरितम, थोप्पिकरन, कामनेयकम, भैरविक्कोलम, भगत, वज्र मुघन, प्रवुकल, बालुनुकल (बच्चों का नाटक), कंचनकुडु, देवयानम, जनालयक्कप्पुरम, चयामुखी, मदरबोर्ड (बच्चों का खेल), सूर्यारसीपुरम, मणिकर्णिका, उज्जयिनी (ओएनवी कुरुप की कविता पर आधारित), ओट्टुम शेरियल्ला, मकरध्वजन, सईपिंते पूचा, कर्रा, चित्रलेखा, थावला और पुक्कुरल शामिल हैं.

बताया जा रहा है कि प्रशांत नारायणन कुछ समय से बीमार थे और उनका लंबे समय से सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था. वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली.

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मुंबई: कुछ समय से बीमार चल रहे लोकप्रिय थिएटर निर्देशक प्रशांत नारायणन ने गुरुवार को एक सरकारी अस्पताल में अंतिम सांस ली. एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी नारायणन एक नाटक लेखक थे, जिन्होंने 25 नाटकों की पटकथा लिखी. 51 वर्षीय नारायणन को नाटक 'छायामुखी' के निर्देशन के लिए जाना जाता है, जिसमें अभिनेता मोहनलाल और एक्टर से सीपीआई-एम विधायक बने मुकेश ने अभिनय किया था.

सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें यहां सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां दोपहर में उनका निधन हो गया. उन्होंने सी.जी. नम्पुथिरी से कला का ज्ञान लेकर अपने कलात्मक करियर कथकली की शुरुआत की. एक किशोर के रूप में उन्होंने अपना काम शुरू किया. तीन दशकों के करियर में उन्होंने 2003 में बेस्ट नाटककार के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जीता था. उन्होंने कई फेमस नाटक लिखे हैं.

प्रशांत नारायणन ने अपने करियर में लगभग 25 नाटक लिखे. कुंजनु भ्रांतनु, अराचा चरितम, थोप्पिकरन, कामनेयकम, भैरविक्कोलम, भगत, वज्र मुघन, प्रवुकल, बालुनुकल (बच्चों का नाटक), कंचनकुडु, देवयानम, जनालयक्कप्पुरम, चयामुखी, मदरबोर्ड (बच्चों का खेल), सूर्यारसीपुरम, मणिकर्णिका, उज्जयिनी (ओएनवी कुरुप की कविता पर आधारित), ओट्टुम शेरियल्ला, मकरध्वजन, सईपिंते पूचा, कर्रा, चित्रलेखा, थावला और पुक्कुरल शामिल हैं.

बताया जा रहा है कि प्रशांत नारायणन कुछ समय से बीमार थे और उनका लंबे समय से सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था. वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली.

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Last Updated : Dec 28, 2023, 10:51 PM IST
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