ETV Bharat / entertainment

अंतिम विदाई पर आंखें हुई नम, संगीत के सम्राट उस्ताद राशिद खान को लोगों ने दी श्रद्धांजलि - राशिद खान अंतिम संस्कार

Ustad Rashid Khan: संगीत के सम्राट उस्ताद राशिद खान की बीते मंगलवार निधन हो गई थी. आज, 10 जनवरी को क्लासिक म्यूजिशियन का अंतिम संस्कार किया गया. लोगों ने नम आंखों के साथ उस्ताद को अंतिम विदाई दी.

Ustad Rashid Khan
(फोटो- एएनआई)
author img

By ANI

Published : Jan 10, 2024, 4:20 PM IST

कोलकाता: संगीत सम्राट उस्ताद राशिद खान को श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार, (10 जनवरी) को बड़ी संख्या में लोग जुटे. उस्ताद राशिद खान का बीते मंगलवार को कैंसर से लड़ाई के बाद निधन हो गया. उन्होंने 55 साल की उम्र में कोलकाता के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली.

कोलकाता के रवीन्द्र सदन में गायक को अंतिम विदाई देते समय लोगों की आंखें नम हो गईं. उस्ताद राशिद खान अब नहीं रहे, लेकिन उनका संगीत उनके शौकीन श्रोताओं के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा. रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद खान ने अपने परदादा इनायत हुसैन खान की विरासत को खूबसूरती से आगे बढ़ाया. उनका प्रारंभिक प्रशिक्षण उनके नाना उस्ताद निसार हुसैन खान के अधीन था.

जब उनका पहला संगीत कार्यक्रम हुआ तब वह केवल 11 वर्ष के थे और तब से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और धीरे-धीरे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अपनी मजबूत पकड़ बना ली. कोई भी उन्हें पटियाला घराने के गायक बड़े गुलाम अली खान ने लोकप्रिय 'ठुमरी' याद पिया की आए के गायन के साथ 'महफिल' में 'चार चांद' जोड़ने को नहीं भूल सकता. उस्ताद राशिद खान ने भारतीय सिनेमा में पार्श्व गायन में भी सफल कार्यकाल का आनंद लिया.

करीना कपूर खान और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म 'जब वी मेट' का 'आओगे जब तुम साजना' और शाहरुख खान की 'माई नेम इज खान' का 'अल्लाह हाय रहेम' उनके कुछ यादगार ट्रैक हैं जो उन्होंने बॉलीवुड में बनाए. कहने की जरूरत नहीं है कि उस्ताद राशिद खान बेहतरीन हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायकों में से एक थे. चार दशकों से अधिक के संगीत कैरियर के साथ, उस्ताद राशिद खान पद्म श्री और पद्म भूषण सहित विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों के प्राप्तकर्ता भी थे.

यह भी पढ़ें:

कोलकाता: संगीत सम्राट उस्ताद राशिद खान को श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार, (10 जनवरी) को बड़ी संख्या में लोग जुटे. उस्ताद राशिद खान का बीते मंगलवार को कैंसर से लड़ाई के बाद निधन हो गया. उन्होंने 55 साल की उम्र में कोलकाता के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली.

कोलकाता के रवीन्द्र सदन में गायक को अंतिम विदाई देते समय लोगों की आंखें नम हो गईं. उस्ताद राशिद खान अब नहीं रहे, लेकिन उनका संगीत उनके शौकीन श्रोताओं के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा. रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद खान ने अपने परदादा इनायत हुसैन खान की विरासत को खूबसूरती से आगे बढ़ाया. उनका प्रारंभिक प्रशिक्षण उनके नाना उस्ताद निसार हुसैन खान के अधीन था.

जब उनका पहला संगीत कार्यक्रम हुआ तब वह केवल 11 वर्ष के थे और तब से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और धीरे-धीरे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अपनी मजबूत पकड़ बना ली. कोई भी उन्हें पटियाला घराने के गायक बड़े गुलाम अली खान ने लोकप्रिय 'ठुमरी' याद पिया की आए के गायन के साथ 'महफिल' में 'चार चांद' जोड़ने को नहीं भूल सकता. उस्ताद राशिद खान ने भारतीय सिनेमा में पार्श्व गायन में भी सफल कार्यकाल का आनंद लिया.

करीना कपूर खान और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म 'जब वी मेट' का 'आओगे जब तुम साजना' और शाहरुख खान की 'माई नेम इज खान' का 'अल्लाह हाय रहेम' उनके कुछ यादगार ट्रैक हैं जो उन्होंने बॉलीवुड में बनाए. कहने की जरूरत नहीं है कि उस्ताद राशिद खान बेहतरीन हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायकों में से एक थे. चार दशकों से अधिक के संगीत कैरियर के साथ, उस्ताद राशिद खान पद्म श्री और पद्म भूषण सहित विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों के प्राप्तकर्ता भी थे.

यह भी पढ़ें:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.