मुंबई : बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद को लेकर बहस काफी लंबे समय से चल रही है. कई फिल्म निर्माताओं, विशेष रूप से करण जौहर पर वर्षों से स्टार किड्स का पक्ष लेने का गंभीर आरोप लगता आया है. इस मुद्दे पर कोई आड़ में तो कुछ लोग इस विषय में सार्वजनिक रूप से बात करने में संकोच नहीं करते हैं. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एक्टर मनोज बाजपेयी एक ऐसे अभिनेता हैं, जो किसी भी विषय पर अपने विचार व्यक्त करने से कभी पीछे नहीं हटते हैं. एक्टर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि भाई-भतीजावाद या नेपोटिज्म एक व्यर्थ बहस है.
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एक्टर ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि नेपोटिज्म बहुत बेकार की बहस है. अगर वो मेरी जगह किसी तायाजी के लड़कों को फिल्म में लेने जा रहे हैं तो लें...उनका पैसा है जो करना चाहते हैं करें... तो रहने दो आखिरकार, यह उनका फैसला है वे जो चाहें कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्य समस्या फिल्म प्रदर्शन में है. प्रदर्शक अक्सर भेदभाव करते हैं, जब 100 स्क्रीन दे रहे तो कम से कम मुझे 25 तो दो..उसी को दोगे तो मेरा क्या? जो जितना पावरफुल होता है वो अपना पावर का व्हील उतना घुमाता रहता है.
अभिनेता ने यह भी कहा कि केवल एक इंडस्ट्री से निष्पक्षता की मांग करना सही नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैंने ऐसे कई लोगों को देखा है जो ट्विटर पर कुछ और लिखते हैं और अपने कार्यस्थल पर ठीक इसके विपरीत काम करते हैं...इसलिए विरोधाभास होता है...यदि आप निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं तो जीवन के हर चरण में निष्पक्षता की मांग करें.
बिहार से ताल्लुक रखने वाले बाजपेयी इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे एक बाहरी व्यक्ति फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमा सकता है, उनका वर्तमान स्टारडम दशकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है, जो हिट और उनका कभी हार न मानने वाला रवैया रेखांकित करता है.
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