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Lohardaga Movie: 'लोहरदगा' आदिवासी युवाओं को लेकर अनोखी कहानी - लोहरदगा

झारखंड में नौकरी की तलाश में माओवादी बनने पर आधारित फिल्म 'लोहरदगा' आदिवासी युवाओं को लेकर अनोखी कहानी है. फरवरी में रीलिज होने वाली फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे युवा गलत राह पर चले जाते हैं. पढ़ें पूरी खबर..Lohardaga unique story about tribal youth

Lohardaga Movie
लोहरदगा
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Published : Jan 18, 2023, 7:46 PM IST

मुंबईः आगामी फिल्म 'लोहरदगा', जिसमें विजय राज, संजय मिश्रा और रवि झांका हैं, 2012 की एक सच्ची कहानी से प्रेरित है. जब झारखंड के जंगलों में रहने वाले 500 से अधिक बेरोजगार आदिवासी युवाओं को कागज पर झूठा माओवादी घोषित किया गया था और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया गया था. काफी दिनों तक यह फिल्म मीडिया में छाया रहा था. अब इसे फिल्मी पर्दे पर देखा जा सकता है.

नौकरी की तलाश में माओवादी बनने की कहानी
फिल्म के बारे में बात करते हुए, अभिनेता और कथावाचक विजय राज ने कहा, 'यह जानना दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार की आत्मसमर्पण योजना के तहत वादा किए गए नौकरी पाने के लिए हजारों गरीब मासूम युवा माओवादी बन गए. मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर खुश हूं. मेरी इच्छा है कि दर्शक फिल्म देखें और प्रतिभाशाली कलाकारों और शानदार ढंग से लिखी गई पटकथा को देखें.' फिल्म में अखिलेंद्र मिश्रा, दधी पांडे, हंसराज जगताप, नीतू पांडे, चारुल मलिक, प्रिया अंबुस्ट और सर्वदमन भी हैं.

फिल्म का निर्देशन लाल विजय शाहदेव ने किया
अभिनेता संजय मिश्रा ने फिल्म पर अपने विचार को साझा किया, 'जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तो मैं समझ गया और मुझे पता चला कि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है. मुझे उम्मीद है कि दर्शक फिल्म देखेंगे और घटना की गंभीरता को समझेंगे.' रोज क्वाट्र्ज एंटरटेनमेंट और आकृति एंटरटेनमेंट प्राइवेट के बैनर तले डॉ. नेहा शांडिल्य द्वारा निर्मित है. फिल्म का निर्देशन लाल विजय शाहदेव ने किया है और विजय द्वारा केदार धारवाड़कर और संदीप अकुत के साथ सह-लेखक के रूप में लिखा गया है. फिल्म 2023 के फरवरी की शुरूआत में रिलीज होने वाली है.(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें-The Fabelmans Trailer: रिलायंस एंटरटेनमेंट ने भारतीय दर्शकों के लिए फिर से रिलीज किया 'द फैबलमैन्स' का ट्रेलर

मुंबईः आगामी फिल्म 'लोहरदगा', जिसमें विजय राज, संजय मिश्रा और रवि झांका हैं, 2012 की एक सच्ची कहानी से प्रेरित है. जब झारखंड के जंगलों में रहने वाले 500 से अधिक बेरोजगार आदिवासी युवाओं को कागज पर झूठा माओवादी घोषित किया गया था और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया गया था. काफी दिनों तक यह फिल्म मीडिया में छाया रहा था. अब इसे फिल्मी पर्दे पर देखा जा सकता है.

नौकरी की तलाश में माओवादी बनने की कहानी
फिल्म के बारे में बात करते हुए, अभिनेता और कथावाचक विजय राज ने कहा, 'यह जानना दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार की आत्मसमर्पण योजना के तहत वादा किए गए नौकरी पाने के लिए हजारों गरीब मासूम युवा माओवादी बन गए. मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर खुश हूं. मेरी इच्छा है कि दर्शक फिल्म देखें और प्रतिभाशाली कलाकारों और शानदार ढंग से लिखी गई पटकथा को देखें.' फिल्म में अखिलेंद्र मिश्रा, दधी पांडे, हंसराज जगताप, नीतू पांडे, चारुल मलिक, प्रिया अंबुस्ट और सर्वदमन भी हैं.

फिल्म का निर्देशन लाल विजय शाहदेव ने किया
अभिनेता संजय मिश्रा ने फिल्म पर अपने विचार को साझा किया, 'जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तो मैं समझ गया और मुझे पता चला कि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है. मुझे उम्मीद है कि दर्शक फिल्म देखेंगे और घटना की गंभीरता को समझेंगे.' रोज क्वाट्र्ज एंटरटेनमेंट और आकृति एंटरटेनमेंट प्राइवेट के बैनर तले डॉ. नेहा शांडिल्य द्वारा निर्मित है. फिल्म का निर्देशन लाल विजय शाहदेव ने किया है और विजय द्वारा केदार धारवाड़कर और संदीप अकुत के साथ सह-लेखक के रूप में लिखा गया है. फिल्म 2023 के फरवरी की शुरूआत में रिलीज होने वाली है.(आईएएनएस)

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