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Krishna Passes away: साउथ के 'जेम्स बॉन्ड' थे महेश बाबू के पिता, फैंस नहीं छोड़ते थे एक भी फिल्म

साउथ के सुपरस्टार कृष्णा का आज सुबह निधन हो गया. एक्टर को 'साउथ का जेम्स बॉन्ड' कहा जाता था.

Krishna Passes away
साउथ के जेम्स बॉन्ड कृष्णा
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Published : Nov 15, 2022, 5:10 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 9:10 AM IST

मुंबई: साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और एक्टर महेश बाबू के पिता कृष्णा अब हमारे बीच नहीं रहे. उनका जाना फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है. साउथ फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही बॉलीवुड में भी शोक की लहर दौड़ गई. कई बड़े सितारों ने उनकी निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. अपने पांच दशक के करियर में उन्होंने 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया. सुपरस्टार कृष्णा को साउथ का 'जेम्स बॉन्ड' कहा जाता था. आईए जानते हैं कई दशकों तक सिनेमा पर राज करने वाले सुपरस्टार के विषय में खास बातें.

बता दें कि कृष्णा ने कुला गोथरालु (1961), पडांडी मुंधुकु (1962), और परुवु प्रतिष्ठा (1963) जैसी फिल्मों में छोटी भूमिकाओं के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने 1965 की फिल्म 'थेने मनसुलु' के साथ मुख्य अभिनेता के रूप में शुरुआत की और साक्षी (1967) जैसी फिल्मों में अभिनय किया, जिसने 1968 में ताशकंद फिल्म समारोह में आलोचनात्मक प्रशंसा हासिल की.

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दिग्गज एक्टर ने 1972 में पंडंती कपूरम में अभिनय किया, जिसने उस वर्ष के लिए तेलुगू में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया. उन्होंने पौराणिक, नाटक, पश्चिमी, फंतासी, एक्शन, जासूसी और ऐतिहासिक फिल्मों सहित विभिन्न शैलियों में भूमिकाएं निभाई हैं. कृष्णा को तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में कई तकनीकी पहली फिल्मों का निर्माण करने का श्रेय दिया जाता है, जैसे पहली सिनेमैस्कोप फिल्म 'अल्लूरी सीताराम राजू' (1974), पहली ईस्टमैनकलर फिल्म - 'इनाडु' (1982), पहली 70 मिमी फिल्म - 'सिम्हासनम' (1986), पहली डीटीएस फिल्म - 'तेलुगू वीरा लेवारा' (1995) और तेलुगू स्क्रीन पर काउबॉय शैली का परिचय.

उन्होंने गुडाचारी 116 (1966), जेम्स बॉन्ड 777 (1971), एजेंट गोपी (1978), रहस्या गुडाचारी (1981) और गुडाचारी 117 (1989) जैसी जासूसी फिल्मों में अभिनय किया. इन फिल्मों में जासूस की शानदार एक्टिंग करने के बाद वह छा गए और 'साउथ के जेम्स बॉन्ड' बन गए. कृष्णा ने 'सांखरावम' (1987), 'मुगुरु कोडुकुलु' (1988), 'कोडुकु डिडिना कपूरम' (1989), 'बाला चंद्रुडु' (1990) और 'अन्ना थम्मुडु' (1990) का निर्देशन किया, जिसमें उनके बेटे महेश बाबू महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आए.

कृष्णा ने 17 फीचर फिल्मों का निर्देशन किया और अपने पद्मालय स्टूडियो प्रोडक्शन कंपनी के तहत अपने भाइयों आदिशेशगिरी राव और हनुमंत राव के साथ कई फिल्मों का निर्माण किया. कृष्णा अपने समय के दौरान सबसे अधिक वेतन पाने वाले तेलुगू अभिनेताओं में से एक थे.

यह भी पढ़ें- Krishna passed away: महेश बाबू के पिता की निधन से गम में डूबे एसएस राजामौली समेत ये सितारे

मुंबई: साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और एक्टर महेश बाबू के पिता कृष्णा अब हमारे बीच नहीं रहे. उनका जाना फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है. साउथ फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही बॉलीवुड में भी शोक की लहर दौड़ गई. कई बड़े सितारों ने उनकी निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. अपने पांच दशक के करियर में उन्होंने 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया. सुपरस्टार कृष्णा को साउथ का 'जेम्स बॉन्ड' कहा जाता था. आईए जानते हैं कई दशकों तक सिनेमा पर राज करने वाले सुपरस्टार के विषय में खास बातें.

बता दें कि कृष्णा ने कुला गोथरालु (1961), पडांडी मुंधुकु (1962), और परुवु प्रतिष्ठा (1963) जैसी फिल्मों में छोटी भूमिकाओं के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने 1965 की फिल्म 'थेने मनसुलु' के साथ मुख्य अभिनेता के रूप में शुरुआत की और साक्षी (1967) जैसी फिल्मों में अभिनय किया, जिसने 1968 में ताशकंद फिल्म समारोह में आलोचनात्मक प्रशंसा हासिल की.

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दिग्गज एक्टर ने 1972 में पंडंती कपूरम में अभिनय किया, जिसने उस वर्ष के लिए तेलुगू में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया. उन्होंने पौराणिक, नाटक, पश्चिमी, फंतासी, एक्शन, जासूसी और ऐतिहासिक फिल्मों सहित विभिन्न शैलियों में भूमिकाएं निभाई हैं. कृष्णा को तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में कई तकनीकी पहली फिल्मों का निर्माण करने का श्रेय दिया जाता है, जैसे पहली सिनेमैस्कोप फिल्म 'अल्लूरी सीताराम राजू' (1974), पहली ईस्टमैनकलर फिल्म - 'इनाडु' (1982), पहली 70 मिमी फिल्म - 'सिम्हासनम' (1986), पहली डीटीएस फिल्म - 'तेलुगू वीरा लेवारा' (1995) और तेलुगू स्क्रीन पर काउबॉय शैली का परिचय.

उन्होंने गुडाचारी 116 (1966), जेम्स बॉन्ड 777 (1971), एजेंट गोपी (1978), रहस्या गुडाचारी (1981) और गुडाचारी 117 (1989) जैसी जासूसी फिल्मों में अभिनय किया. इन फिल्मों में जासूस की शानदार एक्टिंग करने के बाद वह छा गए और 'साउथ के जेम्स बॉन्ड' बन गए. कृष्णा ने 'सांखरावम' (1987), 'मुगुरु कोडुकुलु' (1988), 'कोडुकु डिडिना कपूरम' (1989), 'बाला चंद्रुडु' (1990) और 'अन्ना थम्मुडु' (1990) का निर्देशन किया, जिसमें उनके बेटे महेश बाबू महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आए.

कृष्णा ने 17 फीचर फिल्मों का निर्देशन किया और अपने पद्मालय स्टूडियो प्रोडक्शन कंपनी के तहत अपने भाइयों आदिशेशगिरी राव और हनुमंत राव के साथ कई फिल्मों का निर्माण किया. कृष्णा अपने समय के दौरान सबसे अधिक वेतन पाने वाले तेलुगू अभिनेताओं में से एक थे.

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Last Updated : Nov 16, 2022, 9:10 AM IST
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