मुंबई: गीतकार जावेद अख्तर ने अभिनेत्री कंगना रनौत की ओर से दायर मामले में एक मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें जारी किए गए समन के खिलाफ यहां एक सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया और दावा किया है कि यह आदेश जल्दबाजी में और अनुचित तरीके से पारित किया गया था.
अख्तर ने उपनगरीय डिंडोशी में सत्र अदालत के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर की है. इस मामले की सुनवाई आठ अगस्त को होगी. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (अंधेरी अदालत) आर एम शेख ने 24 जुलाई को अख्तर के खिलाफ समन जारी किया था और उन्हें पांच अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा था.
मजिस्ट्रेट ने अख्तर के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप हटा दिए थे, लेकिन उन्होंने कहा था कि आपराधिक धमकी के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार है. अख्तर की याचिका में दावा किया गया है कि (समन जारी करने का) यह आदेश पारित करके 'गलती की गई' क्योंकि यह सच्चाई के साथ-साथ स्थापित कानून के खिलाफ है. इसमें कहा गया है कि मजिस्ट्रेट ने मामले पर उचित सोच-विचार नहीं किया और वह 'जल्दबाजी में और अनुचित तरीके' से निष्कर्ष पर पहुंचे, जिसके परिणामस्वरूप 'घोर अन्याय' हुआ.
वकील जय भारद्वाज के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया कि न्यायिक रिकॉर्ड में प्रथम दृष्टया ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह दर्शाता हो कि मजिस्ट्रेट के पास ऐसी पर्याप्त सामग्री थी, जिसके आधार पर यह आदेश पारित किया जा सके. इसमें कहा गया है, 'मजिस्ट्रेट ने समग्र तथ्यों और न्यायिक रिकॉर्ड का पता लगाए बिना शिकायत में दिए गए निराधार और अप्रमाणित बयानों के आधार पर कार्रवाई की.'
याचिका में यह भी कहा गया कि मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ समन जारी करने का कोई भी कारण दर्ज नहीं किया. याचिका में कहा गया है कि मजिस्ट्रेट अदालत ने केवल शिकायतकर्ता (रनौत) और गवाहों के बयान पर भरोसा किया, जो 'न्यायिक समझ के इस्तेमाल के अभाव का स्पष्ट संकेत देता' है.
अख्तर (76) ने 2020 में एक शिकायत दर्ज कराकर दावा किया था कि रनौत ने टेलीविजन पर प्रसारित एक साक्षात्कार में उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए, जिनसे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा. इसके बाद रनौत ने कथित 'वसूली और अपराधिक धमकी' को लेकर अख्तर के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करायी थी.
अभिनेत्री ने अख्तर के खिलाफ अपनी शिकायत में कहा कि अपने एक साथी अभिनेता के साथ सार्वजनिक विवाद के बाद गीतकार ने उन्हें तथा उनकी बहन रंगोली चंदेल को 'दुर्भावनापूर्ण इरादे और गलत उद्देश्य से अपने घर बुलाया और फिर उन्हें आपराधिक धमकी दी थी.'
(पीटीआई-भाषा)